मधेपुरा : तृतीय व चतुर्थ चरण के शिक्षक नियोजन से संबंधित सभी जानकारी तीन दिनों के अंदर विहित प्रपत्र में भरकर उपलब्ध कराना है. इस प्रपत्र में आधार से लेकर टीइटी का प्राप्तांक, प्रमाण पत्र, पता सहित सभी प्रकार की जानकारी शामिल है. प्रखंड वार सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी इस रिपोर्ट के साथ एक शपथ पत्र भी देंगे. जिसमें रिपोर्ट से संबंधित सत्यता वर्णित होगी. वही निगरानी विभाग द्वारा प्रथम व द्वितीय चरण के शिक्षक नियोजन की जांच के क्रम में जिन पंचायत से संबंधित कागजात आधे-अधूरे मिले हैं उन्हें भी निगरानी द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रपत्र में भरकर उपलब्ध कराना है.
उपरोक्त निर्देश बुधवार को शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) स्थापना मो नसीम अहमद ने अपने कार्यालय में बीइओ की बैठक के दौरान दी. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के सचिव ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता प्रमाणपत्र के आधार पर नियोजित शिक्षकों की वैधता की जांच व कार्रवाई के लिए जिला स्तर पर निर्देश जारी किया है. कई शिक्षकों द्वारा टीइटी के प्रमाणपत्र का गलत इस्तेमाल कर एकाधिक जगह पर इस आधार पर नियोजित होने को गंभीरता से लेते हुए यह कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की भी जांच कर स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराना है,
ताकि यह पता चल सके कि सही मेधा सूची के आधार पर नियोजन हुआ है. डीपीओ स्थापना ने कहा कि किसी भी कीमत पर फर्जी शिक्षक बख्शे नहीं जायेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता प्रमाण पत्र के आधार पर एक से अधिक शिक्षक के नियोजन की बिंदु पर जांच शुरू कर दी गयी है. सभी बीइओ से इस संबंध में शपथ पत्र लेकर रिपोर्ट भेजी जायेगी,
ताकि गलत सूचना देने पर संबंधित अधिकारी पर भी त्वरित कार्रवाई हो सके. गौरतलब है कि प्रथम व द्वितीय चरण में शिक्षक नियोजन की जांच का जिम्मा बिहार सरकार द्वारा निगरानी विभाग को दिया है, लेकिन इस बार जिलास्तर पर शिक्षा विभाग को जांच करना है. बैठक में बीइओ डॉ यदुवंश यादव सहित सभी प्रखंड से बीइओ, बीआरपी मौजूद थे.