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प्रसव के लिए दर-दर भटक रहीं महिलाएं
मधेपुरा : बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के आहृवान पर लगातार तीसरे दिन बुधवार को सदर अस्पताल के संविदा कर्मी व आयुष चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे. खासकर प्रसूता विभाग में सर्जन डॉक्टर के हड़ताल पर चले जाने से तीन दिनों से एक भी ऑपरेशन नहीं हो पाया है. हालांकि तीन दिसंबर को 16, […]
मधेपुरा : बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के आहृवान पर लगातार तीसरे दिन बुधवार को सदर अस्पताल के संविदा कर्मी व आयुष चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे. खासकर प्रसूता विभाग में सर्जन डॉक्टर के हड़ताल पर चले जाने से तीन दिनों से एक भी ऑपरेशन नहीं हो पाया है.
हालांकि तीन दिसंबर को 16, 04 दिसंबर को 19 व पांच दिसंबर को 22 मरीजों का प्रसव कराया गया, जबकि बुधवार को छह मरीज प्रसव के लिए सदर अस्पताल में भर्ती हुई. इस बीच ऑपरेशन की नौबत आने पर तीन मरीजों को यह कह कर बाहर भेज दिया गया कि डॉक्टर के हड़ताल में शामिल होने से आॅपरेशन संभव नहीं है. प्रसव के लिए मरीज इधर-उधर भटकते रही और निजी नर्सिंग में मोटी रकम खर्च करने पर विवश हुए. बुधवार को सदर अस्पताल के ओपीडी व अन्य स्वास्थ्य चिकित्सा पूरी तरह ठप रही. वहीं हड़ताल कर रहे कर्मियों ने कहा जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी हम हड़ताल पर डटे रहेंगे.
प्राइवेट क्लिनिकों की कट रही चांदी. सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने से प्राइवेट क्लिनिकों की चांदी कट रही है. प्रसव के लिए सदर अस्पताल में ऑपरेशन की सुविधा नहीं मिलने पर मरीजों को मजबूरन प्राइवेट क्लिनिक की और रुख करना पड़ा. वहां मरीजों को कर्ज लेकर इलाज करना पड़ा.
सदर अस्पताल से लौटे मरीज. कर्मियों की हड़ताल पर जाने से सदर अस्पताल की चिकित्सा सेवा ठप हो गयी. सदर अस्पताल में ओपीडी सेवा प्रभावित रहने के कारण ग्रामीण क्षेत्र से आये दर्जनों मरीज को वापस जाना पड़ा. स्थायी स्वास्थ्य कर्मी इमरजेंसी सेवा में तो लगे रहे लेकिन वह नाकाफी था. दिन भर इलाज के लिए मरीज इधर-उधर भटकते रहे. आलम यह था कि इमरजेंसी में मरीज को न तो समय पर सुई दी गयी और ना ही मरीजों को स्लाइन चढ़ाया गया.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर संविदा कर्मी. गौरतलब है कि सदर अस्पताल में कार्यरत एनएचएम संविदा पदाधिकारी, कर्मचारी, आयुष चिकित्सक, बीएचएम, लेखापाल, बीसीएन, डाटा ऑपरेटर, आशा कार्यकर्ता सहित ममता स्वास्थ्य कर्मी सहित ढ़ाई हजार स्वास्थ्य कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है. इससे पूरी तरह जिले की स्वास्थ्य चरमरा गयी. सदर अस्पताल के ओपीडी सिर्फ दो चिकित्सक के सहारे चल रहा था. इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान परेशानी झेल रहे मरीजों ने हंगामा शुरू कर दिया.
इससे ओपीडी में मरीजों के बीच अफरा -तफरी का माहौल बना रहा.
डाटा आॅपरेटर संभालेंगे दवा काउंटर . सदर अस्पताल सहित जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा काउंटर पर मरीजों को दवा नहीं मिलने पर सिविल सर्जन ने डीएम को पत्र लिखा. सिविल सर्जन के पत्र के आलोक में डीएम ने सदर अस्पताल के लिए छह व 13 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए एक एक डाटा ऑपरेटर को प्रतिनियुक्त करने का आदेश दिया. डीएम के निर्देश पर डाटा आॅपरेटर अस्पतालों में दवा काउंटर पर मरीजों के बीच दवा वितरण कर रहे है.
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