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अवैध नर्सिंग होम के फर्जी डॉक्टर व संचालक गिरफ्तार

मचा हड़कंप. अवैध नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के खिलाफ डीएम के आदेश पर कार्रवाई शुरू मधेपुरा : जिले में अवैध नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के खिलाफ डीएम मो सोहैल के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमा के साथ-साथ पुलिसिया कार्रवाई भी शुरू हो गयी है. गत दस दिनों से फरार चल रहे जय भवानी सेवा […]

मचा हड़कंप. अवैध नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के खिलाफ डीएम के आदेश पर कार्रवाई शुरू

मधेपुरा : जिले में अवैध नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के खिलाफ डीएम मो सोहैल के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमा के साथ-साथ पुलिसिया कार्रवाई भी शुरू हो गयी है. गत दस दिनों से फरार चल रहे जय भवानी सेवा सदन अवैध नर्सिंग होम के फर्जी डॉक्टर व संचालक को पुलिस द्वारा सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया.
इस संबंध में सदर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रसाद महतो ने प्रेसवार्ता कर कहा कि पुलिस को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि मधेपुरा थाना कांड संख्या 756/17 दिनांक 28 अक्तूबर 2017 धारा 341, 323, 379, 504, 506, 302, 34 भादवि के मुख्य आरोपित सुदर्शन कुमार पिता ब्रजनंदन प्रसाद यादव मधेपुरा वार्ड नंबर एक मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा चौक के पीछे फील्ड पर बैठा हुआ है.
प्राप्त सूचना के आधार पर तत्क्षण पुसअनि संतोष कुमार दीक्षित व सिपाही अभिषेक कुमार, अमर कुमार, अरुण कुमार व पुसअनि हृदयलाल राम के साथ पुलिस टीम गठित कर कार्रवाई शुरू कर दी गयी. गठित टीम के द्वारा टीपी कॉलेज के पीछे स्थित फील्ड पर खदेड़ कर फर्जी डॉक्टर को पकड़ा. थानाध्यक्ष ने कहा कि भीरखी स्थित अवैध नर्सिंग होम जय भवानी सेवा सदन में महिला की मौत के बाद पुलिस द्वारा शुरू की गयी जांच में उक्त अभियुक्त की भूमिका अत्यधिक पायी गयी. आरोपित ने मृतक महिला के पीड़ित परिवार के लोगों को पीटा था.
जब पीड़ित परिवार पुलिस को सूचना देना चाहा तो मोबाइल आदि छीन लिया गया. जांच के क्रम में उक्त अभियुक्त की भूमिका क्रुरतापूर्ण पायी गयी. घटना के क्रम में पीड़ित परिवार के द्वारा विगत शनिवार को सुखासन तुनियाही सड़क पर मृतिका के शव को रखकर सड़क जाम कर कार्रवाई की मांग की. परिजनों ने अभियुक्त व इस घटना के मुख्य आरोपित को गिरफ्तार करने के आश्वासन के बाद ही जाम को हटाया. थानाध्यक्ष ने कहा कि इस घटना के मुख्य आरोपित सुदर्शन कुमार की गिरफ्तारी पुलिस के लिए गंभीर चुनौती बन गयी थी. गठित टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों ने आरोपित फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर चुनौती को साकार किया.
कमांडो ने छापेमारी कर फर्जी डॉक्टर का कार किया जब्त. इससे पहले एसपी के निर्देश पर अवैध जय भवानी नर्सिंग होम पर पुलिस ने छापेमारी कर फर्जी डॉक्टर की कार जब्त कर ली. गौरतलब है कि जिला मुख्यालय के सुखासन रोड में भीरखी स्थित जय भवानी नर्सिग होम में प्रसूता की मौत के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि फर्जी यहां फर्जी डॉक्टर के द्वारा मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है. इनकी लापरवाही से एक नहीं दो महिला की मौत हो गयी.
इस नर्सिंग होम में फर्जी ढंग से बड़े बड़े डिग्रीधारी चिकित्सकों का बोर्ड लगाकर फर्जी डॉक्टर इलाज करता था. प्रसूता की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच कर नर्सिंग होम को अवैध घोषित करते हुए सील कर दिया. मालूम हो कि 24 अक्तूबर को गम्हरिया निवासी कंचन देवी को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था. 28 अक्तूबर को ऑपरेशन के बाद उसकी मौत हो गयी थी. उसके बाद परिजनों ने हंगामा किया. सिविल सर्जन जांच किया तो पता चला कि नर्सिंग होम फर्जी ढंग से संचालित किया जा रहा था.
इसके बाद फर्जी डॉक्टर सहित तीन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. वहीं पुलिस जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपित सुदर्शन यादव इलाज से लेकर ऑपरेशन करता था. पुलिस सुदर्शन की गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापेमारी कर रही थी. शनिवार की रात पुलिस को गुप्त सूचना मिली की सुदर्शन यादव प्रशासन द्वारा सील किये गये जय भवानी सेवा सदन पर कार्य कर रहा है. मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जिले के पुलिस कप्तान विकास कुमार ने कमांडो दल को भेज कर सेवा सदन पर छापा करवाया. वहां कमांडो दल ने वहां से बिन नंबर की एक मारूती ओल्टो गाड़ी जब्त कर लिया.
शंकरपुर : प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरपुर के बगल में पोखर के दक्षणी महार पर वर्षों से अर्धनिर्मित एक भवन के दो कमरों में ढेर लगाकर बिहार सरकार का लेबल लगा लाखों रुपया की दवाई लावारिस अवस्था में पाया गया था.
उक्त दवाई व अन्य सामग्री की मीडिया के द्वारा रविवार के दोपहर गुप्त सूचना के बाद पड़ताल किया गया था. पड़ताल में उक्त सभी दवाई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का पाया गया.
रातों रात सभी दवाई गायब. ज्ञात हो कि पीएचसी के बगल में पोखर के महार पर एक अर्धनिर्मित भवन में भारी मात्रा में सरकारी लेवल लगा दवाई व अन्य उपकरण रविवार के दिन फेंका पाया गया था, लेकिन हैरत की बात तो यह है कि जिस स्थान पर रविवार को भारी मात्रा में दवाई रखा था वह सभी दवाई रातों रात वहा से हटा कर अन्यत्र सिफ्ट कर उक्त जगह को साफ कर दिया गया.
आम लोग में तरह-तरह की चर्चा. गौरतलब है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर फेंके मिले लाखों रुपये के सरकारी दवाई मामले में प्रमुख प्रतिनिधि अशोक यादव व जदयू नेता नीरज कुमार निराला से सोमवार को जिस जगह पर दवाई फेंका गया था. उक्त स्थल का मुआयना किया, लेकिन उस जगह पर एक भी दवाई नहीं पाया गया. स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर तैनात कर्मी ने दवाई के बारे में बताया कि पीएचसी के साफ -सफाई के दौरान उक्त दवाई को उक्त स्थान पर रखा गया था पुनः जगह पर रख दिया गया है.
इस बाबत प्रमुख प्रतिनिधि ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के इस हरकत पर आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि यह गलत है. एक तरफ स्वास्थ्य केंद्र में आये दिन दवाई खत्म होने का बहाना बनाया जाता रहा है. इस वजह से अस्पताल कर्मी के मिलीभगत से रोगी के परिजनों का आर्थिक रूप से शोषण का शिकार होकर बाहर से दवाई खरीद कर रोगी का उपचार कराना पड़ता है. दूसरी ओर स्वास्थ्य प्रबंधन के द्वारा लाखों की दवाई को फेंक दिया जाता है.
प्रभात खबर में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन उक्त मामले में तत्काल हरकत में आया और अधिकारियों की टीम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मामले की जांच के लिए भेजा, जो सोमवार को देर शाम तक मामले की जांच में लगे हुए ही थे.
क्या है मामला. प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस कदर अनियमितता का शिकार है कि लाखों के बहुमूल्य दवाई सहित उपकरण अर्धनिर्मित मकान में ढेर लगा दिया गया है. इस बात का खुलासा रविवार को हुआ. एक अर्धनिर्मित मकान में एक बड़ा ड्राम पड़ा हुआ था. ड्राम दवाई के बोतल से भरा हुआ था. जब बोतल उठाकर देखा गया तो कॉउजट एक्सपेक्टोरेंट लिखा था. जिसका बेच नंबर 01-17-224 ओर निर्माण तिथि 04/2017 एक्सपाइरी तिथि 03/019 पाया गया.
अधिक दिनों से खुले में रहने के कारण बोतल के ऊपर का रेपर गलने के कगार पर पहुंच गया है. वही बगल के अर्धनिर्मित कमरे के एक कोने हजारों आइएफए लिखा हुआ एक सौ एमएल की हजारों बोतल जिसका बेच नंबर आइएफएस -16-226 ओर निर्माण तिथि 03/017 अवसान तिथि 08/018 लिखा हुआ हजारों बोतल रूम के एक कोने में पड़ा हुआ था.
निरीक्षण की सूचना मिलते ही कर्मी सर्तक. केंद्रीय टीम के द्वारा निरीक्षण की भनक स्वास्थ्य केंद्र को मिलते ही आनन-फानन में स्वास्थ्य प्रबंधक के द्वारा अनियमितता को छुपाने के लिए पिछले कई दिनों से स्वास्थ्य केंद्र के स्टोर से दवाई निकाल कर अन्यत्र ठिकाना लगाया गया है. वही स्वास्थ्य कर्मी की माने तो स्वास्थ्य केंद्र की रंग रोगन के दौरान अत्र तत्र परे दवाई को निकाल कर रखा गया है. पुनः स्टोर में रखा जायेगा.

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