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योजनाओं का लाभ नहीं परेशानी. वार्ड 12 ने अपनाया नहीं, 13 ने भी ठुकराया

पुरानी बाजार नया टोला व संतर मुहल्ला की सीमा पर अवस्थित लोग सरकारी योजनाओं के लाभ को लालायित रहते हैं. सीमा पर बसे होने के कारण इन्हें न तो वार्ड 12 का माना जाता है न ही वार्ड 13 का. इससे हाल यह है कि यहां किसी भी तरह का विकास कार्य नहीं हो रहा […]

पुरानी बाजार नया टोला व संतर मुहल्ला की सीमा पर अवस्थित लोग सरकारी योजनाओं के लाभ को लालायित रहते हैं. सीमा पर बसे होने के कारण इन्हें न तो वार्ड 12 का माना जाता है न ही वार्ड 13 का. इससे हाल यह है कि यहां किसी भी तरह का विकास कार्य नहीं हो रहा है.

लखीसराय : नगर परिषद लखीसराय के पुरानी बाजार नया टोला व संतर मुहल्ला की सीमा पर अवस्थित लोग जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार होकर रह गये हैं. वार्ड संख्या 12 नया टोला के वार्ड पार्षद ने महादेव टॉकिज महादलित टोला से सर्व शिक्षा अभियान जाने वाली गली के लोगों को पिछले पांच वर्षो में कभी भी अपना नहीं समझा.
वहीं वार्ड संख्या 13 संतर मुहल्ला के वार्ड पार्षद भी सीमा पर बसे इन लोगों को आज तक ठुकराते रहे हैं. शहर में शायद ही कोई गली पक्कीकरण होने से वंचित हो, लेकिन महादलित बाहुल्य इस गली में पांच वर्षो में एक ईंच पीसीसी ढलाई का कार्य नहीं किया गया. इसके अतिरिक्त इन गलियों के लोग आज भी विभिन्न सरकारी योजनाओं को लेकर लालायित हैं. ओडीएफ व हर घर नल से जल योजना से भी दो वार्डों की सीमा पर बसे ये लोग आज तक अछूते हैं.
नगर परिषद चुनाव की घोषणा के साथ ही मतदाता ने भी अपने नफा-नुकसान की गिनती प्रारंभ कर दी है. दोनों वार्डों के वार्ड पार्षद पुन: चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं. ऐसे में मतदाता पांच वर्षों का हिसाब किताब लगाने में जुट गये हैं. लोगों ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन को लेकर राज्य सरकार रुलाती रही, तो नाली-गली पक्कीकरण और हर घर नल से जल योजना के लिए भी लोगों को बाट जोहनी पड़ रही है.
परती जमीन पर बहता है नाले का पानी
पूर्व के वार्ड पार्षद द्वारा वार्ड 12 के लोगों के लिए बनाया गया नाली अपना अस्तित्व खो चुका है. कई घरों का पानी आज भी एक समाजसेवी के परती जमीन पर बह रहा है. अगर परती जमीन न होता तो क्या होता, यह बड़ा सवाल है. हद तो यह है कि नगर परिषद के अभियंता भी इसी गली में रहते हैं. अभियंता ने तो अपने गंदा पानी के निकासी का ख्याल रखा, लेकिन ठीक सामने के लोगों की बीच रास्ते में गड‍्ढा बना कर गंदा पानी जमा करने की विवशता को वे नहीं देख रहे. उपेक्षा का आलम यह है कि विजय सिन्हा के घर से सटे चंदन रविदास आदि के जलनिकासी के लिए 25 फीट नाला का निर्माण कार्य भी अवरुद्ध करके रखा गया है. जबकि शिक्षक प्रभात के घर के सामने से विजय सिन्हा के नाली में बमुश्किल 25 फीट नाला जुड़ने से लगभग दो दर्जन घरों के जलनिकासी का रास्ता खुल सकता है.

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