मवेशी चारा के लिए हाहाकार
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बाढ़ में फसल डूबने से टूटी किसानों की कमर
मवेशी चारा के लिए हाहाकार लखीसराय : गंगा, हरूहर एवं किऊल नदी में आयी बाढ़ से दियारा टाल में लगभग 14 हजार हेक्टेयर में लगी खरीफ फसल मक्का, सोयाबीन, मिश्रीकंद, साग सब्जियों के अलावा टमाटर एवं मिर्ची के बिचड़े डूब गये. इससे किसानों की कमर टूट गयी है. वहीं पशुपालक किसानों का लगी फसल नरकटिया, […]
लखीसराय : गंगा, हरूहर एवं किऊल नदी में आयी बाढ़ से दियारा टाल में लगभग 14 हजार हेक्टेयर में लगी खरीफ फसल मक्का, सोयाबीन, मिश्रीकंद, साग सब्जियों के अलावा टमाटर एवं मिर्ची के बिचड़े डूब गये. इससे किसानों की कमर टूट गयी है. वहीं पशुपालक किसानों का लगी फसल नरकटिया, सुडान डूब जाने से मवेशियों के बीच चारा के लिए हाहाकार मचा हुआ है. बाढ़ से पूर्व दियारा के किसानों ने बैंक एवं साहूकारों से ऋण लेकर मक्का , सोयाबीन , मिश्रीकंद एवं साग सब्जियां के अलावे टमाटर , मिर्च के बिचड़े के अलावे धान की रोपनी 14 हजार हेक्टेयर में बड़हिया,पिपरिया ,
सूर्यगढ़ा के किसानों ने फसल लगायी थी. फसल काफी अच्छे देख कर किसान काफी खुश थे कि इस बार हमलोगों का किस्मत बदल जायेगी. लेकिन अचानक बिना बारिश के गंगा हरूहर नदियों के जल स्तर में एकाएक उफान आ गयी और एक सप्ताह के अंदर टाल दियारा क्षेत्र जलमग्न हो गया. किसानों द्वारा लगायी गयी सारी फसल डूब गयी.
इससे किसान मायूस हो गये. फसल के बजाय अपने बचाव में लग गये. जिला कृषि कार्यालय के अनुसार, जिले मे 11 हजार हेक्टेयर में मक्का, बड़हिया व पिपरिया में 500-500 हेक्टेयर में धान के अलावा सोयाबीन, मिश्रीकंद, साग सब्जियों एवं मिर्च के पौधे लगे थे. पशुपालकों ने अपने मवेशी के लिए सैकड़ों बीघे में चारा के लिए नरकटिया, सुडान लगाया था, जो डूब गयी. हालांकि अभी तक आकलन नहीं हो पाया है कि इस बाढ़ से कितने एकड़ प्रभावित हुए हैं.
इधर आदर्श लक्ष्मीपुर के 65 वर्षीय किसान महेंद्र यादव ने रोते हुए कहा कि गंगा मैया ने फसल डुबाे कर मेरी कमर तोड़ दी. अब बैंक व साहूकारों का ऋण कैसे चुकता करेंगे और कैसे खायेंगे, पता नहीं चल रहा है. पिपरिया के किसान बमबम सिंह ने बताया कि दियारा के किसान वैसे ही गरीब होते हैं. इस बार गंगा मैया ने खरीफ फसल डुबा कर हमलोगों को भिखमंगा बना दिया. टाल के किसान गिरीश महतो ने बताया कि घर के आसपास सैकड़ों बीघे में लगी मक्का की फसल एवं साग सब्जी डूब गयी. इससे लाखों रुपये के नुकसान की आशंका है.
कहते हैं अधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया के तीनों बाढ़ प्रभावित प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी को फसल क्षति आकलन करने का निर्देश दिया गया है. आकलन प्रतिवेदन आते ही सरकार को भेज दिया जायेगा.
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