लखीसराय : ग्रामीण क्षेत्रों में अगर सुबह नौ बजे के बाद से चूल्हा जला तो एक से दो वर्ष तक सजा भुगतनी पड़ सकती है या फिर कैद के साथ साथ जुर्माना भी संभव है. इस संबंध में जिला आपदा प्रबंधन के पदाधिकारी ने बताया कि आपदा विभाग के द्वारा निर्देश प्राप्त हुआ कि सजा का प्रावधान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 बी के तहत इस क्रम में जुर्मना का जिक्र तो है लेकिन उसका उल्लेख नहीं है.
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्देश जारी कर कहा है कि अग्निकांड से बचने के लिये क्या करें क्या नहीं करें देते रहते हैं. परंतु दुर्भाग्य की बात है कि लखीसराय जिले में 80 पंचायतों में सीओ के द्वारा बचाव के लिये लोगों के बीच जागरूकता नहीं फैलायी गयी. जब जिले में अग्नि अपना कहर दिखा कर करोड़ों रुपये की संपत्ति स्वाहा करने लगे तो आपदा प्रबंधन भी हरकत में आकर अग्नि बचाव की जानकारी देने की याद आ गयी.
शहर के बुद्धिजीवी प्रो सदानंद सिंह, सच्चिदानंद सिंह आदि ने बताया कि बड़ी बिडंबना है कि जब घटनाएं अधिक घटने लगती है चाहे भूकंप हो सड़क दुर्घटना हो ऐसे में सरकार हरकत में आकर बचाव के लिये जागरूक करने की याद आ जाती है और जागरूक भी करते हैं. परंतु घटना से पूर्व लोगों के बीच जानकारी दे तो घटनाओं में काफी कमी आ सकती है. जिले में जिस तरह से सिर्फ अप्रैल माह में 87 घरों में आग लगने की घटना घटी तब सरकार से लेकर जिला आपदा तक बचाव कार्य याद आने लगी.