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आबादी एक लाख, एक भी पीएचसी नहीं

लखीसराय : आजादी के 68 वर्ष बीत जाने के बाद भी जिले के चानन प्रखंड को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नसीब नहीं हुआ है. चिकित्सा सुविधा के अभाव में प्रखंड की एक लाख 6 हजार की आबादी ग्रामीण चिकित्सकों के भरोसे है. इस प्रखंड में सरकारी या प्राइवेट स्तर से किसी भी एमबीबीएस चिकित्सक की सेवा […]

लखीसराय : आजादी के 68 वर्ष बीत जाने के बाद भी जिले के चानन प्रखंड को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नसीब नहीं हुआ है. चिकित्सा सुविधा के अभाव में प्रखंड की एक लाख 6 हजार की आबादी ग्रामीण चिकित्सकों के भरोसे है. इस प्रखंड में सरकारी या प्राइवेट स्तर से किसी भी एमबीबीएस चिकित्सक की सेवा उपलब्ध नहीं है.

हालत यह है कि प्रसव या अचानक गंभीर रूप से बीमार मरीजों को लखीसराय व जमुई ले जाना पड़ता है, जो सड़क मार्ग से 15-16 किलोमीटर दूर पड़ता है. इससे अक्सर इलाज के अभाव में रास्ते में ही कई मरीजों दम तोड़ देते हैं. चानन प्रखंड में 10 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं. कुंदर, गोपालपुर, रेवटा, मननपुर, जानकीडीह, रामसीर, लाखोचक, सिंहचक, बिछवे में जिला की ओर दो-दो एएनएम नियुक्त किया गया, लेकिन दो-चार छोड़ कर अन्य केंद्रों पर नहीं आती हैं.
सप्ताह-पखवारे में एक बार आकर कोरम को पूरा कर लेती हैं. पूरे प्रखंड में एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जिसमें एक आयुष चिकित्सक आते हैं. वह भी सप्ताह में एक बार ही दर्शन देते हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं रहने से सबसे ज्यादा परेशानी जंगलों में रहने वाले आदिवासी समाज को होती है.
कहते हैं सिविल सर्जन: सिविल सर्जन राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि चानन में लखीसराय से ही एक आयुष चिकित्सक की ड्यूटी लगायी गयी है. उन्होंने बताया कि समस्याओं को लेकर कई बार विभाग को लिखा गया है.

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