जिले में गरमी का मौसम आते ही अगलगी की घटना में वृद्धि हो गयी है, लेकिन अग्निशमन विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. स्थिति यह है कि अाग लगने पर लोगों को खुद के भरोसे आग पर काबू पाने के लिए तैयार रहना होगा.
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आग लगे, तो खुद करें बुझाने का इंतजाम
जिले में गरमी का मौसम आते ही अगलगी की घटना में वृद्धि हो गयी है, लेकिन अग्निशमन विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. स्थिति यह है कि अाग लगने पर लोगों को खुद के भरोसे आग पर काबू पाने के लिए तैयार रहना होगा. लखीसराय : गरमी का मौसम शुरू हो गया है. […]
लखीसराय : गरमी का मौसम शुरू हो गया है. इसके साथ ही जिले में आग लगने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं, लेकिन अग्नि शमन विभाग के पास कर्मी एवं संसाधनों की घोर कमी है. नतीजतन लोगों को आग बुझाने का काम खुद करना पड़ रहा है. लखीसराय जिले की आबादी लगभग 10 लाख 687 है.
जिला में दो बड़े व एक छोटे सहित तीन दमकल हैं. इसके अलावे जिले के सात प्रखंडों में से दो प्रखंड चानन व पिपरिया को छोड़ सभी प्रखंडों में मिनी दमकल की व्यवस्था है. सूर्यगढ़ा प्रखंड के अलावे बड़हिया के वृहत्त टाल क्षेत्र होने के कारण वहां मिनी दमकल की व्यवस्था नाकाफी है. बड़ी घटना होने पर इन्हें जिला मुख्यालय के भरोसे ही रहना पड़ता है.
जिला मुख्यालय में अग्निशमन विभाग के पास केवल दो बड़े दमकल ही उपलब्ध हैं, ऐसे में वह भी पूरे जिले को समुचित सेवा देने में असमर्थ रहता है. जिला मुख्यालय स्थित अग्निशमन विभाग खुद कर्मियों की कमी का रोना रो रहा है. जिला मुख्यालय में अग्निशमन कर्मियों के रहने के लिए न तो मुक्कमल व्यवस्था है और न ही उन्हें कोई विशेष सुविधा मिली हुई है.
ग्रामीण इलाकों में अगलगी की बड़ी घटना होने पर इस पर नियंत्रण पाना काफी मुश्किल हो जाता है. अग्नि शमन पदाधिकारी देवकी पासवान कहते हैं कि लखीसराय जिला मुख्यालय में दमकल कर्मियों के रहने के लिए कोई भवन तक नहीं है. बाजार समिति में ही एक जर्जर भवन दमकल कर्मियों को रहने के लिए दिया गया है. उसमें न तो शौचालय है और न ही कोई अन्य व्यवस्था. अग्निशमन विभाग के नाम से एक टेलीफोन भी आवंटित है, जो अक्सर खराब ही रहता है.
अगलगी की घटना के बाद पदाधिकारियों द्वारा उनके मोबाइल नंबर 8084140040 पर सूचना दी जाती है, जिसके बाद वे लोग घटनास्थल के लिए रवाना होते हैं. जिले में कुल मिला कर सात दमकल हैं. इसमें चार प्रखंडों में एक-एक मिनी दमकल है तथा जिला मुख्यालय में तीन दमकल हैं जिसमें एक खराब पड़ा हुआ है.
बड़े दमकल में 12 सौ घन लीटर पानी भरा रहता है. इस हिसाब से जिला मुख्यालय से दो दमकल के माध्यम से घटनास्थल पर लगभग 24 सौ घट लीटर पानी ले जाया जाता है.
हाइड्रेट के बदले पानी टंकी से चलता है काम
अग्निशमन विभाग खुद संसाधन की कमी से परेशान है. विभाग के पास पानी की गंभीर समस्या है. बाजार समिति स्थित अग्निशमन कार्यालय के समीप पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. जिला मुख्यालय में कहीं भी हाइड्रैंट की व्यवस्था नहीं की गयी है, जबकि फायर स्टेशन के पास हाइड्रैंट का होना अनिवार्य होता है. आग से लड़ने से पूर्व विभाग को पानी की किल्लत से लड़ना पड़ता है. अग्नि शमन पदाधिकारी के मुताबिक गांधी मैदान के समीप बने जलमीनार से पानी भरना होता है. टंकी भरने में 40 से 45 मिनट का समय लग जाता है.
अगलगी की घटनाओं में इजाफा
गरमी शुरू होते ही अगलगी की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.अग्निशमन विभाग द्वारा अकेले मार्च माह में 22 स्थलों पर बचाव कार्य किया गया. जबकि जनवरी में 05 एवं फरवरी में 08 जगहों पर बचाव कार्य किया गया.
मात्र एक चालक को भरोसे विभाग
जिले में दमकल कर्मी के कुल 26 पद स्वीकृत हैं. इसमें 14 पद स्वीकृत हैं. फिलहाल कुल 09 कर्मी ही कार्यरत हैं. तीन वाहनों के लिए विभाग के पास मात्र एक चालक ही उपलब्ध है. दो गृहरक्षकों से चालक का काम लिया जा रहा है. इसके अलावे एक जमादार रैंक के पदाधिकारी व पांच सिपाही रैंक के कर्मी हैं, जिनमें से चार प्रशिक्षित व एक गृहरक्षक के जवान हैं.
पिपरिया व चानन में नहीं है मिनी दमकल
जिले के पिपरिया व चानन में आग लगने की सूचना पर जिला मुख्यालय से दमकल को बुलाया जाता है. और आग पर काबू पाने का प्रयास किया जाता है. इस बीच प्रखंड वासी अपने प्रयास से आग पर काबू पाने की कोशिश करते हैं. चानन में जिला मुख्यालय से दमकल को आने में लगभग चालीस मिनट का समय लगता है. सूर्यगढ़ा, रामगढ़ चौक, हलसी एवं बड़हिया प्रखंड में एक-एक मिनी दमकल की व्यवस्था है.
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