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गहरे धुंध से यातायात प्रभावित

लखीसराय : भयानक शीतलहर का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. नया साल 2015 की स्वागत के लिए जश्न मनाने की आस लगाये लोगों को इससे परेशानी हो रही है. भयानक ठंड को देखते हुए कई लोगों के पिकनिक पर जाने के हौसले टूटते नजर आ रहे हैं. गुरुवार को सुबह से ही कुहासे […]

लखीसराय : भयानक शीतलहर का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. नया साल 2015 की स्वागत के लिए जश्न मनाने की आस लगाये लोगों को इससे परेशानी हो रही है. भयानक ठंड को देखते हुए कई लोगों के पिकनिक पर जाने के हौसले टूटते नजर आ रहे हैं. गुरुवार को सुबह से ही कुहासे के साथ शीतलहर के कारण ठंड के साथ कंपकपी अपेक्षाकृत अधिक महसूस हो रही है.

हालांकि दिन चढ़ते ही धूप खिलने से लोगों को आंशिक राहत मिली, लेकिन शीघ्र ही सूर्य बादलों की ओट में छिप गया. धूप में तपिश नहीं होने की वजह से लोग ठंड से हलकान रहे. शाम ढलते ही शीतलहर का प्रकोप काफी बढ़ जाता है.

हालांकि बुधवार की रात से ही कोहरा का प्रकोप फिर से परेशानी का कारण बनने लगा है. गुरुवार की सुबह घना कोहरे ने इलाकों को अपनी आगोश में ले लिया. जिससे सड़कों पर आवागमन में परेशानी हो रही थी.

दिन में भी वाहन चालक सड़कों पर हेडलाइट जलाकर वाहन चलाने को मजबूर रहे. सुबह 10 बजे तक कोहरे का प्रकोप कम हुआ. सरकारी निर्देश के बावजूद कहीं भी अलाव नहीं जल रहा. सूूर्यगढ़ा प्रतिनिधि के मुताबिक गुरुवार की सुबह जब लोगों की आंख खुली तो इलाका कोहरे की सफेद चादर में लिपटा दिखा. गहरे धुंध से लोगों को 10 गज आगे की चीजें भी देखने में परेशानी हो रही थी. सड़कों पर वाहन की रफ्तार थम गयी.

पूर्वाह्न 11 बजे कोहरे का प्रकोप कम हुआ. लेकिन लगातार दूसरे दिन सारा दिन लोगों को खिली धूप नसीब नहीं हो पाया. लोग दिनभर लोग अलाव के आगे या फिर हीटर या ब्लोअर के आगे ठंड से बचने की कोशिश करते नजर आये.

कहते हैं चिकित्सक
डा उपेंद्र प्रसाद सिंह के मुताबिक ठंड के मौसम में कई बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. इस मौसम में खासकर एलर्जिक रिनाइटिस, निमोनियां, कोल्ड स्ट्रॉक, कॉमन कफ, सिर दर्द, उच्च रक्तचाप, आस्थामा, स्नोफेलिया, साइनस आदि रोगों की अधिक संभावना रहती है. ठंड में विशेषकर बच्चे व बुजुर्ग को बच कर रहने की जरूरत है. घर से जब भी बाहर निकलते हैं,
गरम कपड़े से शरीर को ढंक कर निकलें. ठंड के मौसम में विटामिन सी का अधिक सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. ठंड में विटामिन सी के लिये संतरा, आंवला व मौसमी आदि का अधिक सेवन करें.
इससे सर्दी व खांसी की संभावना कम होती है. स्नोफेलिया के मरीज दही, केला अन्य ठंडे पदार्थ का सेवन बिल्कुल न करें. ठंड में साइनस से ग्रसित होने की अधिक संभावना रहती है. साइनस पीड़ित को ठंड से बचने की जरूरत है. उसे सिर दर्द, सर्दी व बुखार अक्सर रहता है.

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