पैक्स में धान बेचने को लेकर उहापोह में हैं किसान क्रय केंद्र पर नहीं लगी है भीड़किसानों को राशि प्राप्त करने में करना पड़ा था मुश्किलों का सामना सोनो. प्रखंड क्षेत्र के किसान धान क्रय केंद्र पर अपने खरीफ फसल को बेचने को लेकर उत्सुक नहीं हैं. पिछले साल पैक्स व व्यापार मंडल में धान बेचने वाले किसानों को राशि प्राप्त करने में जिन मुश्किलों का सामना करना पड़ा था उसे देखते हुए इस वर्ष किसान पैक्स व व्यापार मंडल में धान बेचने को लेकर सहमे हुए है़ बताते चलें कि प्रखंड कार्यालय के समीप सोनो पैक्स का क्रय केंद्र खुल तो गया है परंतु किसान धान बेचने को लेकर फिलहाल कोई उत्सुकता नहीं दिखा रहे है़ किसानों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष जिन किसानों ने इन जगहों पर अधिक मूल्य व बोनस प्राप्त करने को लेकर अपने धान को बेचा था उन्हें 6 से 8 माह बाद तय मूल्य से भी कम राशि मिल सका़ पैक्स अध्यक्ष,चावल मील व एफसीआइ के त्रिकोणीय जाल में फंसे किसानों को धान की राशि प्राप्त करने में पसीने छूट गए थे. किसानों को राशि लेने को लेकर दर्जनों बार चक्कर लगाने के बाद उम्मीद से भी कम राशि मिली थी. संबंधित लोगों द्वारा विभिन्न मद में खर्च को बताते हुए किसानों को निर्धारित दर व बोनस से कम दर से ही भुगतान दिया गया़ पैक्स में धान देने वाले किसान वस्तुत: अपने को ठगे महसूस किये़ कई किसानों ने उस वक्त बताया कि खुले बाजार में 11 रूपये प्रति किलो बेचने से उन्हें लाभ थोड़ा कम मिलता परंतु राशि तो नगद मिलती. परंतु पैक्स में धान बेचने के बाद राशि के लिए ललायित रहना पड़ा़ सोनो पैक्स गोदाम के समीप धान क्रय करने की व्यवस्था शुरू हो गयी है़ किसानों की जानकारी हेतु बैनर लगा दिए गए परंतु किसानो की उपस्थिति नगण्य है़ पैक्स अध्यक्ष भुनेश्वर यादव बताते है कि दो दिन बीत जाने के बाद भी कोई किसान धान बेचने अभी तक नहीं आये हैं. उन्होंने माना कि पिछले वर्ष राशि मिलने में हुए विलंब के कारण पैक्स में धान बेचने से किसान कतरा सकते है़ इस बार भी व्यवस्था कुछ खास बदला नहीं है़ उन्होंने बताया कि पैक्स द्वारा खरीदे गए धान से मील में चावल तैयार करने के उपरांत जब चावल एफसीआई प्राप्त करेगी तब भुगतान हो सकेगा़ मील में चावल तैयार करने का शुल्क प्रति क्विंटल 70 रुपया है. जबकि सरकार महज 10 रुपया प्रति क्विंटल ही देती है़ जानकारों की माने तो ऐसे कई अन्यान्य खर्च की सीधी कटौती किसानों की राशि से होती है. लिहाजा किसानों को तय मूल्य से कम राशि उपलब्ध करायी जाती है़ किसानों के लिए इससे भी अहम यह है कि बेचा गया धान का मूल्य उसे तत्क्षण मिल जाय तो वे अपने कर्ज को चुका कर अगली खेती के लिए लग जाएं . परंतु देर से राशि मिलने से परेशान किसान इस वर्ष इस बात को लेकर उहापोह में है कि वे अपने धान पैक्स में उधार पर बेचे या फिर कम मूल्य पर खुले बाजार में बेच दे़
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पैक्स में धान बेचने को लेकर उहापोह में हैं किसान
पैक्स में धान बेचने को लेकर उहापोह में हैं किसान क्रय केंद्र पर नहीं लगी है भीड़किसानों को राशि प्राप्त करने में करना पड़ा था मुश्किलों का सामना सोनो. प्रखंड क्षेत्र के किसान धान क्रय केंद्र पर अपने खरीफ फसल को बेचने को लेकर उत्सुक नहीं हैं. पिछले साल पैक्स व व्यापार मंडल में धान […]
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