पूर्व में भी हुई थी भगवान महावीर के प्रतिमा की चोरी सिकंदरा . जैन धर्मावलंबियों के आस्था का केंद्र क्षत्रियकुंड लछुआड़ से शुक्रवार की रात भगवान महावीर के प्रतिमा की चोरी की यह कोई पहली घटना नहीं है. इलाके के बड़े बुजुर्गों के अनुसार लगभग 50 वर्ष पहले ही मूर्ति तस्करों की नजर इस क्षेत्र पर पड़ गयी थी. इतिहासकारों के अनुसार भगवान महावीर के तीन कल्याणक जन्म, च्यवण व दीक्षा कल्याणक क्षत्रियकुंड लछुआड़ की धरती पर ही अवस्थित है. शुक्रवार की रात भगवान स्वामी के जन्म कल्याणक के रूप में प्रसिद्ध जन्म स्थान से महावीर की 2600 साल पुरानी प्रतिमा की चोरी कर ली गयी. वहीं इसके पूर्व लगभग 50 साल पहले भी कुंडघाट स्थित चयवण कल्याणक व दीक्षा कल्याणक मंदिर से भी चोरों ने भगवान महावीर की प्रतिमा की चोरी कर ली थी. जिसके बाद दोनों मंदिरों में भगवान महावीर की काले पत्थर से बनी नयी प्रतिमा स्थापित की गयी थी. लेकिन 2005-06 में एक बार फिर से चोरों ने दोनों प्रतिमा की चोरी कर ली. जिसे आसनसोल में छापेमारी के दौरान चावल के बोरों से बरामद किया गया था. आसनसोल से बरामद दोनों प्रतिमा आज भी लछुआड़ स्थित जैन मंदिर में स्थापित है. वहीं लगभग 35 वर्ष पूर्व लछुआड़ स्थित जैन मंदिर से भी महावीर स्वामी की मुख्य प्रतिमा चोरी कर ली गयी थी. जिसे बाद में मंदिर के किनारे से बहने वाली बहुआर नदी से बरामद किया गया था. लेकिन इस बार चोरों ने जैन धर्मावलंबियों के आस्था से जुड़े भगवान महावीर स्वामी के जीवनकाल में ही उनके भाई नंदीवर्द्धन द्वारा बनवायी गयी. अतिप्राचीन प्रतिमा की चोरी कर ली. जमुई पुलिस के लिए इस अतिप्राचीन प्रतिमा को बरामद कर जैन धर्मावलंबियों के भरोसे को बहाल करना किसी चुनौती से कम नहीं.
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पूर्व में भी हुई थी भगवान महावीर के प्रतिमा की चोरी
पूर्व में भी हुई थी भगवान महावीर के प्रतिमा की चोरी सिकंदरा . जैन धर्मावलंबियों के आस्था का केंद्र क्षत्रियकुंड लछुआड़ से शुक्रवार की रात भगवान महावीर के प्रतिमा की चोरी की यह कोई पहली घटना नहीं है. इलाके के बड़े बुजुर्गों के अनुसार लगभग 50 वर्ष पहले ही मूर्ति तस्करों की नजर इस क्षेत्र […]
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