वर्ष 1952 में ही निर्माण हुआ उरैन दुर्गा मंदिर का फोटो – 07चित्र परिचय: उरैन स्थित दुर्गा मंदिर कजरा: सन् 1947 मे मिली आजादी के महज पांचवें वर्ष सन् 1952 में उरैन स्थित श्री श्री 108 दुर्गा मंदिर का निर्माण ग्रामीणों के सहयोग से कराया गया. ग्रामीण ऐतबारी दास व चंदु महतो के वंशज विधवा रातो देवी द्वारा करीब डेढ़ कट्ठा मंदिर के नाम पर जमीन दान दिये . उस भूखंड पर तब से आज तक भक्ति भाव से मां दुर्गा का पूजनोत्सव व मेले का आयोजन हो रहा है. जमीन दाता के द्वारा दान जमीन में ग्रामीण सरयुग भगत के पूर्वज को भी गुमटी लगा रोजगार करने के लिए उक्त दान कर्ता ने करीब चार वाई चार फीट की जमीन दान स्वरूप इस शर्त पर ि दया था कि निर्बाध रूप से मंदिर की देखरेख , साफ सफाई व सुबह शाम आरती मंगल होता रहे . वर्तमान में सरयुग भगत द्वारा बतौर पुजारी मंदिर की देखरेख व पूजा आरती की जा रही है. बेशक निर्माण स्थल से कई वर्षो तक दुर्गा मंदिर स्थल को मंदिर नुमा नहीं बनाया जा सका. लेकिन कुछ वर्षो में ग्रामीणों व श्रद्धालुओं के सहयोग से मंदिर को पूर्ण किया गया.सांस्कृतिक कार्यक्रम व नाटक की होगी प्रस्तुति पुजारी सरयुग भगत व मंदिर समिति के अध्यक्ष सिपाही यादव, उपाध्यक्ष बटेश्वर दास ने संयुक्त रूप से बताया कि 22 अक्तूबर को धार्मिक नाटक, कौशल्या हरण, 23 अक्तूबर को क्रांतिकारी नाटक , तिरंगे की जंग एवं 24 अक्तूबर शनिवार को सामाजिक नाटक राखी की लाज की प्रस्तुति की जायेगी. वहीं लैलक भागलपुर के कलाकारों द्वारा आर्केष्ट्रा कार्यक्रम भी होगा. उन्होंने बताया कि दुर्गा पूजा के अवसर पर पहली पूजा से संध्या में तीन घंटे देवों के देव महादेव नामक धारावाहिक प्रोजेक्टर द्वारा दिखाये जा रहे हैं.विगत साल मेले में चौकीदार की हुई थी हत्या विगत साल मेले में ड्यूटी पर तैनात कजरा थाना के चौकीदार पुनाडीह निवासी अर्जुन मंडल की हत्या मेले से उठा कर दुर्गा मंदिर परिसर से करीब 100 मीटर दूर ले जाकर नक्सलियों के द्वारा कर दी गयी थी. जिससे मेला का रंग फीका हो गया था.क्या है सुरक्षा का इंतजाम मेला में सुरक्षा के इंतजाम के बारे में ग्रामीण डोमन महतो, मनोज मंडल, लक्ष्मण कुमार, बच्चू दास आदि ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से मेले में सुरक्षा व्यवस्था कमेटी का निर्माा कर उनके सदस्यों के द्वारा की जाती रही है. विगत वर्ष नक्सली वारदात के अलावे दशकों से मेले का आयोजन शांतिपूर्ण ढ़ंग से किया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि कजरा पुलिस के द्वारा मेला में लाठी धारी जवान को लगाया जाता है. वहीं कजरा थानाध्यक्ष की मानें तो इस दुर्गा पूजा में नक्सल प्रभावित कजरा क्षेत्र खास कर उरैन में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं. वहां सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा में तैनात होंगे.बिजली पोल गिरने के कगार पर, हो सकती है हादसाफोटो – 06 चित्र परिचय:झुका 11 हजार वोल्ट विद्युत प्रवाहित पोल कजरा : सूर्यगढ़ा प्रखंड के उरैन पंचायत अंतर्गत महादलित टोला आजाद नगर में लोग आज भी लालटेन युग में जी रहे हैं. टोले से महज 100 मीटर की दूरी से 11 हजार विद्युत वोल्ट का तार गुजरने के बावजूद इस टोला के लोग विद्युत सुविधा वंचित है. यहां विद्युत पोल के झुके होने से कभी भी हादसे की आशंका बनी हुई है. लगभग छह महीने पूर्व पुनाडीह, बसुहार व आजाद नगर के ग्रामीणों का उरैन रेलवे स्टेशन जाने का मुख्य मार्ग पर गाड़े गये बिजली पोल इस कदर झुक गया है कि कभी भी गिर सकता है. विभाग को ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना दी गयी थी. लेकिन विभाग के द्वारा उस पोल में लकड़ी खंभा का सहारा देकर खड़ा कर दिया गया . ग्रामीण प्रमोद मांझी,चंद्रशेखर यादव, सबिया देवी, फूलो देवी आदि ने विभाग से अविलंब उक्त पोल को सीधा कर गाड़ने की गुहार लगायी है.कहते हैं विद्युत कनीय अभियंताइस संबंध में पूछने पर कजरा फीडर के कनीय अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर झुके पोल को खड़ा करने का प्रयास किया गया. लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. वैकल्पिक व्यवस्था से पोल को लकड़ी के खंभे से सहारा दी गयी है.दूसरे स्थल पर खुदाई कर पोल गाड़ने का कार्य शीघ्र कर लिया जायेगा.
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वर्ष 1952 में ही नर्मिाण हुआ उरैन दुर्गा मंदिर का
वर्ष 1952 में ही निर्माण हुआ उरैन दुर्गा मंदिर का फोटो – 07चित्र परिचय: उरैन स्थित दुर्गा मंदिर कजरा: सन् 1947 मे मिली आजादी के महज पांचवें वर्ष सन् 1952 में उरैन स्थित श्री श्री 108 दुर्गा मंदिर का निर्माण ग्रामीणों के सहयोग से कराया गया. ग्रामीण ऐतबारी दास व चंदु महतो के वंशज विधवा […]
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