अगर नीतीश में ईमानदारी है, तो 16 जून 2013 के बाद जब गंठबंधन टूटा इसके बाद का श्वेत पत्र जारी करें. आज फिर नीतीश ने लालू से हाथ मिला कर बिहार को अराजकता व जंगलराज की ओर धकेल दिया है. यह बातें वे सूर्यगढ़ा के पीरीबाजार में भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में बोल रहे थे.
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वर्ष 2005-10 में बिहार में अमन-चैन और शांति की सरकार थी. हमने बढ़ते बिहार बनते बिहार का नारा दिया था, वो हम लाना चाहते हैं. कार्यकर्ता हमें अपना कीमती 15 दिन दें. गिरिराज ने कहा कि केंद्र ने छह माह पूर्व 4756 करोड़ रुपये दिये. नीतीश ने बिजली नहीं देने पर वोट नहीं मांगने का वायदा किया. नालंदा लोकसभा के 22 सौ गांव में से मात्र 71 गांवों में ही बिजली पहुंची है. नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के पूर्व कहा था कि बिहार के विकास के बगैर भारत संभव नहीं है.
डेढ़ लाख करोड़ योजनाओं की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दी. 50 हजार करोड़ रोड पैकेज पर स्वीकृति दी गयी. बरौनी रिफाइनरी के लिए 25 हजार करोड़ देकर क्षमतावर्धन नौ लाख मीट्रिक टन किया. बंद पड़े बरौनी फर्टिलाइजर कारखाना के लिए 56 सौ करोड़ दिये. सूर्यगढ़ा के कजरा में चार हजार मेगावाट का पावर सब स्टेशन दिया. यह विकास नहीं तो क्या है. बिहार में बंद पड़ी रेल परियोजनाओं को भी शुरू किया गया है. दरभंगा से समस्तीपुर दोहरी लाइन, बछवाड़ा से हाजीपुर दोहरी लाइन, किऊल-गया लाइन का दोहरीकरण विकास का प्रतीक है. राजेंद्र पुल का दोहरीकरण, मुंगेर पुल, दीघा पुल आदि कार्य हुआ. बिहार को विशेष राज्य के दर्जा पर मंत्री ने कहा कि बबूल बोयेंगे, तो आम कैसे पायेंगे.