लखीसराय: विगत 17 जुलाई को शहर के पुरानी बाजार चितरंजन रोड स्थित पूर्व चैंबर अध्यक्ष राम गोपाल ड्रोलिया के व्यावसायिक प्रतिष्ठान गणगौर वस्त्रलय में उनके विरोधी पक्ष के लोगों द्वारा जमीन विवाद को लेकर ताला जड़ दिया गया था.
इसे लेकर राम गोपाल ड्रोलिया द्वारा लखीसराय टाउन थाना में आवेदन देकर मृत्युंजय सिंह व अन्य पर दुकान में ताला जड़ने व मारपीट करने का आरोप लगाते हुए कांड संख्या 511/15 दर्ज करायी थी. इसके आलोक में घटना के एक सप्ताह बाद शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश के तहत लखीसराय सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार मधुप की देखरेख में पुलिस बल की मौजूदगी में दुकान का ताला तोड़ा गया.
गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा ड्रोलिया के प्रतिष्ठान गणगौर को खोलने संबंधी आदेश निर्गत किया गया था. इस संबंध में बीडीओ लखीसराय सदर को दुकान का ताला खुलवा कर सूचना न्यायालय को देने का आदेश दिया गया था. इसके बाद शुक्रवार की सुबह से ही गणगौर वस्त्रलय के आसपास तनाव की स्थिति बन गयी. पुलिस बल के साथ बीडीओ के पहुंचने पर विरोधी पक्ष की महिलाएं दुकान के सामने खड़ी होकर ताला खोलने का विरोध करने लगी. वहीं आदर्श टेक्सटाइल के मालिक मृत्युंजय प्रसाद सिंह ने बीडीओ को ताला खालने के संबंध में स्थगन आदेश के लिए उनके द्वारा सीजेएम न्यायालय में दिये जाने वाले आवेदन की प्रति भी दिखायी. बीडीओ व पुलिस बल काफी देर तक दुकान के सामने बैठे रहे.
इस दौरान तनाव की स्थिति को देख आसपास की सभी दुकानें स्वत: बंद हो गयीं. दोपहर तीन बजे तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही. बाद में महिला पुलिस के सहयोग से विरोधी पक्ष की महिलाओं को हटा कर दुकान का ताला तोड़ा गया. इस दौरान एक महिला ने ताला तोड़ने के विरोध करते हुए अपनी शरीर पर केरोसिन छिड़क कर आग लगाने की कोशिश की, हालांकि उन्हें बचा लिया गया. इस दौरान दुकान के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी बनी रही.
ज्ञात हो कि विगत 17 जुलाई को शहर के आदर्श टेक्सटाइल के मालिक मृत्युंजय प्रसाद सिंह ने गणगौर वस्त्रलय की जमीन को अपनी जमीन बताते हुए उसमें ताला लगा दिया था. उस वक्त दोनों तरफ से दुकान के सामने काफी हंगामा किया गया था. घटनास्थल पर मौजूद सीओ अनिल कुमार को बताया था कि उसने अपनी पत्नी व भाभी के नाम पर विगत तीन वर्ष पूर्व इस जमीन की खरीदारी की थी. उसके बाद से श्री ड्रोलिया को बार बार अदालती नोटिस दिया. लेकिन हर बार नोटिस लेने से इनकार किया जाता रहा. आखिरकार उन्होंने दुकान में ताला लगा दिया था. वहीं ड्रोलिया ने कहा था कि मामला जब कोर्ट में है, तो उनके दुकान में ताला लगाना अन्याय है. उसके बाद ड्रोलिया की ओर से टाउन थाना में ताला लगाने व मारपीट की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.