जमुई: जिला में 63000 हेक्टेयर लक्ष्य के विरुद्घ 47200 हे में धान का आच्छादन हुआ है. धान की अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए धान के खेतों में बराबर पानी का होना अत्यावश्क होता है. लेकिन विगत 10 दिनों से वर्षा बिल्कुल नहीं हुई है. गढ़ी डैम में सवा 10 फीट पानी है जिससे अगले 12 दिनों तक 9677 हेक्टेयर में धान के खेत में पटवन कराया जा सकता है. नागी डैम में 6 फीट 4 इंच पानी है जिससे अगले 18 दिनों तक 820 हेक्टेयर में पटवन कराया जा सकेगा . नकटी में 8 फीट पानी है जिससे 1177 हे0 में 10 दिनों तक ही पटवन कराया जा सकेगा. आंजन जलाशय में साढ़े 13 फीट पानी है जिससे 1710 हेक्टेयर में और लोअर किउल जलाशय से 525 हेक्टेयर में अगले 10 दिनों तक पटवन की जा सकेगी. इस तरह मात्र 13909 हेक्टेयर में ही अगले 10 दिनों तक धान के खेतों में पानी पहुंचाया जा सकेगा. जिला में 33000 हेक्टेयर में रोपे गये धान की फसल को सिंचाई के वैकल्पिक संसाधनों से ही बचाया जा सकता है. उक्त जानकारी जिलाधिकारी शशिकांत तिवारी ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान कही. उन्होने कहा कि जिले में अवस्थित सभी जलाशयों में इतना पानी उपलब्ध नहीं है कि धान की फसल को पूरे समय तक बचाया जा सके. लिहाजा जमुई जिला को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने हेतु सरकार को अनुशंसा की जाती है.साथ ही बताया कि धान को बचाने के लिये भारी मात्र में किसानों को डीजल अनुदान का वितरण किया जाना है. डीजल अनुदान मद में 1.68 करोड़ रुपया आवंटन प्राप्त हुआ है जिसमें से अबतक 1.19 करोड़ रुपया किसानों के बीच वितरण किया जा चुका है. आगे बताया कि डीजल अनुदान मद में आठ करोड़ रुपया आवंटन की आवश्यकता है जिसकी मांग सरकार से किया गया है.
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घोषित हो सुखाड़ क्षेत्र
जमुई: जिला में 63000 हेक्टेयर लक्ष्य के विरुद्घ 47200 हे में धान का आच्छादन हुआ है. धान की अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए धान के खेतों में बराबर पानी का होना अत्यावश्क होता है. लेकिन विगत 10 दिनों से वर्षा बिल्कुल नहीं हुई है. गढ़ी डैम में सवा 10 फीट पानी है जिससे अगले […]
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