बड़हिया: भीषण गरमी में बिजली गुल रहने से बड़हिया प्रखंडवासी हलकान है. टाल क्षेत्र की बड़ी आबादी आजादी के 68 वर्ष बाद भी बिजली के बिना है. विद्युत विभाग के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही ही कही जा सकती है कि बड़हिया विद्युत सब स्टेशन से मात्र एक किलोमीटर के अंदर स्थित गढ़ टोला और गोलभट्ठा गांव में विद्युत आपूर्ति नहीं की जाती है.
प्रतापपुर विद्युत सब स्टेशन से मात्र एक किलोमीटर दूर जखौर और धीराडांड गांव में विद्युत आपूर्ति नहीं की जाती. स्वयं सेवी संगठन टाल विकास समिति के संयोजक कृष्ण मोहन सिंह ने कहा कि 27 जनवरी 2006 को बड़हिया प्रखंड के विद्युतविहीन गांव तक बिजली पहुंचाने की मांग को लेकर लखीसराय समाहरणालय पर हजारों ग्रामीणों ने धरना दिया था.
तत्कालीन जिलाधिकारी नरसिंग उपाध्याय ने प्रोटोकॉल को तोड़ कर धरनार्थियों को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि उनकी मांगें जायज हैं. इसे जल्द पूरा किया जायेगा. मगर 9 साल बाद भी विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हुई. पाली, सरौरा, कोठवा, महरामचक, फदरपुर, नथनपुर, ऐजनीघाट, सदायबीघा, टाल शरमा, निजाम, गिरधरपुर सहित दर्जनों गांव बगैर बिजली के हैं. लेकिन उनकी उपजाऊ भूमि पर 8 पाये वाले बड़े-बड़े खंभे गाड़ कर एक लाख 32 हजार वोल्ट का हाई वोल्टेज तार जरूर खींचा गया है. उधर हाथीदह से बड़हिया आने वाले 33 हजार का तार जजर्र है. बड़हिया पचमहला सीमा पर 33 हजार का लूज तार धरती छूने को बेताब है. इस पर पदाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.
कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में विद्युत सहायक अभियंता मो कैसर कमाल ने कहा कि विद्युतविहीन गांव को चिह्न्ति कर तार पोल जोड़ने टेंडर हो चुका है. एजेंसी जल्द काम करने का आश्वासन दे रही है.