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आधा किमी दूर से लाते हैं पानी

क्षेत्र के पांच गांव चंपानगर, मंङिायावां, नवकाडीह, बसुहार व उरैन में गरमियों के मौसम में पानी की किल्लत हो जाती है. इन गांवों के मवेशी पालक अपने मवेशियों को लेकर मुंगेर के फरकिया गंगा किनारे चले जाते हैं. वहीं आम लोगों को शुद्ध पेयजल का किल्लत बनी रहती है. इन दिनों ताल-तलैया पूरी तरह सूख […]

क्षेत्र के पांच गांव चंपानगर, मंङिायावां, नवकाडीह, बसुहार व उरैन में गरमियों के मौसम में पानी की किल्लत हो जाती है. इन गांवों के मवेशी पालक अपने मवेशियों को लेकर मुंगेर के फरकिया गंगा किनारे चले जाते हैं. वहीं आम लोगों को शुद्ध पेयजल का किल्लत बनी रहती है. इन दिनों ताल-तलैया पूरी तरह सूख जाते हैं. कुएं व चापाकल में भी पानी का स्तर नीचे चले जाने के कारण गंदा पानी निकलने लगता है.

कजरा : उरैन ग्राम निवासी मो नियाज कहते हैं, उनके टोले के जफीर मियां के पास करीब पांच वर्ष पूर्व गाड़ा गया चापाकल खराब पड़ा है. इसकी मरम्मती नहीं करवायी जा रही है. उरैन मसजिद के पास विभाग द्वारा बोरिंग सह जलमीनार का निर्माण अधूरा है. करीब 600 फीट खुदाई के बाद पानी नहीं मिलने से योजना वर्षो से खटाई में पड़ी है. जबकि नवकाडीह निवासी विजय सिंह, पंच निरंजन सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा चापाकल मरम्मती के लिए आये मिस्त्री लोगों से एक हजार रुपये मांगते हैं. नहीं देने पर चापाकल ठीक नहीं करते. वहीं उसी गांव के मृत्युंजय पासवान, सुधीर व पंकज पासवान ने बताया कि नवकाडीह गांव की जनसंख्या करीब 6 हजार की है. यहां 6 में से चार चापाकल खराब पड़ा है.

दो चापाकल पर पानी लेने वालों का नंबर लगा रहता है. वहां से करीब आधा किलोमीटर दूर पुराना कुआं से गरमी की शुरुआत में बसुहार व नवकाडीह के ग्रामीण पानी लाते हैं. जबकि आधी गरमी बीतते-बीतते कुआं भी जवाब दे देता है. चंपानगर निवासी मुकेश कुमार व कुंदन कुमार ने बताया कि करीब डेढ़ सौ घर की बस्ती में पांच चापाकल में से दो चालू है. इनसे दोपहर तक गंदा पानी निकलने लगता है. पिछले वर्ष पीएचइडी विभाग से टैंकलॉरी से पानी भेजी जाती थी. लेकिन इस साल पानी नहीं भेजा जा रहा है. 35 घरों के मंङिायावां व पुरवारी मुसहरी में एक भी चापाकल ठीक नहीं है. आधा किलोमीटर स्थित कुएं से पानी लाते हैं. बुधौली बुनकर पंचायत के सरपंच वाल्मीकि मंडल ने बताया कि पीएचइडी विभाग द्वारा पेयजलापूति की आशा से निराश ग्रामीणों ने एक सप्ताह पूर्व हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सूर्यगढ़ा बीडीओ राजदेव प्रसाद रजक को दिया है. अविलंब जलापूर्ति की मांग की है. लेकिन अभी तक पेयजलापूर्ति व्यवस्था नहीं हो पायी है.

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