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मकर संक्रांति पर्व को लेकर बाजारों में उमड़ी भीड़

लखीसराय : जिले में व्यापक ठंड के बाजवूद सोमवार को लोगों ने मकर संक्रांति पर्व को लेकर बाजारों में व्यापक भीड़ देखी गयी. जिस वजह से सोमवार को दिनभर मुख्य सड़क पर जाम की स्थिति बनी रही. पर्व को लेकर गांव से लोगों की भीड़ शहर में आ जाने से विशेषकर शहर के नया बाजार […]

लखीसराय : जिले में व्यापक ठंड के बाजवूद सोमवार को लोगों ने मकर संक्रांति पर्व को लेकर बाजारों में व्यापक भीड़ देखी गयी. जिस वजह से सोमवार को दिनभर मुख्य सड़क पर जाम की स्थिति बनी रही. पर्व को लेकर गांव से लोगों की भीड़ शहर में आ जाने से विशेषकर शहर के नया बाजार क्षेत्र अंतर्गत मुख्य सड़क व पचना रोड में दिनभर जाम की स्थिति बनती रही.

इस दौरान रेलवे पुल के नीचे से खुले वाले ऑटो चालकों को भी काफी मशक्कत से अपनी ऑटो को निकाल जमुई मोड़ तक जाना पड़ रहा था. इस दौरान ऑटो चलने की बजाय रेंगते हुए ही दिख रहे थे, नतीजतन लोग ऑटो को छोड़कर पैदल चलना ही मुनासिब समझ रहे थे. यह स्थिति विशेषकर शहर के रेलवे पुल से लेकर नया बाजार स्थित बड़ी दुर्गास्थान तक देखी जा रही थी.
बाजारों में चूड़ा तिलकुट की बिक्री चढ़ी परवान : बुधवार को मकर संक्रांति पर्व को लेकर सोमवार को ही बाजारों में व्यापक भीड़ देखी गयी. इस दौरान जगह-जगह पर तिलकुट विक्रेता के द्वारा माइक लगाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते देखे जा रहे थे.
इस दौरान लखीसराय बाजार में सोमवार को तिलकुट के रेट में तेजी देखी गयी. बाजार में सोमवार को साधारण तिलकुट जहां 180 रुपये किलो बिक रहा था तो वहीं उत्तम क्वालिटी का तिलकुट 220 रुपये बिक रहा था. चूड़ा की बात की जाय तो साधारण चूड़ा 30 रुपये तो बासमती चूड़ा 60 रुपये किलो बिक रहा था. जबकि तिलवा 60 से 70 रुपये किलो बेचा जा रहा था. जिसे लोग अपनी सुविधा अनुसार खरीद रहे थे.
सूर्यगढ़ा : मकर संक्रांति को लेकर बाजारों में खरीदारों की भीड़, जाम से निकली जान ; मकर संक्रांति को लेकर सोमवार को सुबह से ही बाजार में खरीदारों की भीड़ रहा. लोगों ने चूड़ा के अलावा तिलकुट, तिलवा, घीवर, तिलकतरी आदि की खरीदारी की. बाजार में खास्ता तिलकुट 200 से 250 रुपये प्रतिकिलो बिका, जबकि चीनी का तिलवा 70 रुपये प्रति किलो, गुड़ का तिलवा 80 रुपये प्रति किलो साधारण तिलकुट 150 से 200 रुपये प्रति किलो बिक्री किया गया.
शहरी इलाके में कतरनी चूड़ा का भी डिमांड रहा. खरीदारों की भीड़ के कारण सारा दिन बाजार जाम की समस्या से जुझता रहा, वाहनों कों बाजार से होकर गुजरने में काफी परेशानी हुई, आम तौर पर बाजार से वाहनों को गुजरने में 5 मिनट का समय लगता है लेकिन जाम के कारण बाजार से होकर वाहन को गुजरने में आधा घंटा तक समय लग रहा था.
दूध की किल्लत : मकर संक्रांति को लेकर लोग दूध की किल्लत से जुझते रहे. लोगों को दूध 50 से 60 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीद करना पड़ा. इधर, दूध के कारण चाय आदि दूकानों मेुं कारोबार प्रभावित रहा.
सब्जी का डिमांड बढ़ा : मकर संक्रांति को लेकर हाट-बाजार में सब्जी की भी का फी डिमांड रहा. खासकर छिमी, फुलगोभी आदि का अधिक डिमांड रहा. बाजार में बड़ा छिमी 40 रुपये प्रति किलो तथा छोटा छिमी 50 रुपये प्रति किलो तक बिका.
मकर संक्रांति 15 को, सुबह 07:19 से 09:03 बजे तक महापुण्य काल : मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है. ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. सूर्य के एक राशि से दूसरी में प्रवेश करने को संक्रांति कहते हैं. मकर संक्राति के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है.
मकर संक्राति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्त्व है. मकर संक्रांति में मकर शब्द मकर राशि को इंगित करता है जबकि संक्रांति का अर्थ संक्रमण अर्थात प्रवेश करना है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि को छोड़कर दूसरे में प्रवेश करने की इस विस्थापन क्रिया को संक्रांति कहते हैं.
मनमाने दर पर बिक रहा दूध
मेदनीचौकी. प्रखंड क्षेत्र में मकर संक्रांति का पावन पर्व में चूड़ा-दही के जोड़ी की सलामती में मनमाने दर पर दूध की बिक्री हो रही है. दही-चूड़ा का पर्व ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है. व्यवसायी दूध का दाम बढ़ा कर मनमाने दर उपभोक्ताओं से वसूल रहा है.
दूध ले रही उपभोक्ता प्रेमलता देवी ने बताया कि रविवार को दूध व्यवसायी द्वारा 50 रुपये लीटर मनमाने दर से लिया गया, जबकि आम दिन दूध का दर 32 से 35 ही बिकता है. पर्व में दूध का खपत बढ़ जाता है. इसी का फायदा उठाकर दूध व्यवसायी दूध के दाम में इजाफा कर उपभोक्ताओं का दोहन करता है.
गृहिणियां कहती हैं कि पर्व पर ऐसे ही बजट बढ़ जाता है. ऊपर से मंहगा भाव का सामग्री खरीदने से उपभोक्ताओं का और दोहन हो रहा है. जबकि त्योहार के दिन प्रत्येक घर में दूध से दही तैयार किया जाता है, और दूध सबको पूरा हो ही जाता है. उपभोक्ता कहते हैं कि दूध का स्कारसिटी तो नहीं हुआ, फिर दूध व्यवसायी दूध का मनमाना दर क्यों वसूलता है.
गांव से शहर आकर खरीदारी करने वालों की भीड़ की वजह से शहर के मुख्य सड़क पर बनी रही जाम की स्थिति
वाहन चलने की जगह रहे थे रेंग, लोग ऑटो छोड़ पैदल चलना ही समझ रहे थे मुनासिब
180 से 220 रुपये तक चला तिलकुट का भाव
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति 2020- 15 जनवरी
संक्रांति काल- सुबह 07.:09 बजे (15 जनवरी)
पुण्यकाल- सुबह 07:19 से दोपहर 12:31 बजे तक
महापुण्य काल- सुबह 07:19 से 09:03 बजे तक
संक्रांति स्नान- प्रातः काल, 15 जनवरी 2020
मकर संक्रांति का महत्व : माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी भूलाकर उनके घर गये थे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करने से व्यक्ति का पुण्य प्रभाव हजार गुना बढ़ जाता है. इस दिन से मलमास खत्म होने के साथ शुभ माह प्रारंभ हो जाता है. इस खास दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है.
माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन ही भगीरथ के आग्रह और तप से प्रभावित होकर गंगा उनके पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम पहुंची और वहां से होते हुए वह समुद्र में जा मिली थीं. यही वजह है की इस दिन गंगा स्‍नान का खास महत्‍व है.

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