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भैंस के टकराने से बेपटरी हुई इएमयू ट्रेन, दानापुर डीआरएम का तानाशाही रवैया, पत्रकार को कराया गिरफ्तार

लखीसराय : बिहार में एक तरफ विगत चार दिनों से भारी वर्षा की वजह से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया तथा विगत तीन दिनों से पटना व राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन पर पानी जमा हो जाने की वजह से पटना होकर ट्रेनों का परिचालन रद्द कर पटना से होकर आगे जाने वाली ट्रेनों को वाया गया […]

लखीसराय : बिहार में एक तरफ विगत चार दिनों से भारी वर्षा की वजह से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया तथा विगत तीन दिनों से पटना व राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन पर पानी जमा हो जाने की वजह से पटना होकर ट्रेनों का परिचालन रद्द कर पटना से होकर आगे जाने वाली ट्रेनों को वाया गया होकर परिचालन कराया जा रहा था कि सोमवार की अहले सुबह गया लाइन में कुरौता रेलवे स्टेशन के पास एक ईएमयू ट्रेन के बेपटरी हो जाने की वजह से इस मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया था. सोमवार की अहले सुबह 5:20 बजे किऊल-गया रेलखंड के कुरौता रेलवे स्टेशन के पास पहुंचने से पूर्व एक भैंस के ट्रेन से टकरा जाने की वजह से 63317 अप किऊल-गया ईएमयू ट्रेन बेपटरी हो गयी. घटना में भैंस के ट्रेन में फंस जाने से भैंस की मौत हो गयी तथा ट्रेन की तीन बोगी पटरी से उतर गयी.

मिली जानकारी के अनुसार लखीसराय से ईएमयू ट्रेन सुबह पांच बजकर 12 मिनट पर खुली थी तथा उसे कुरौता स्टेशन पर एक नंबर प्लेटफॉर्म पर रुकना था. इसी दौरान ट्रेन थोड़ी धीमी गति से चल रही थी कि अचानक एक भैंस ट्रेन से आकर टकरा गया, जिस वजह से ट्रेन के ड्राइवर एससी गुप्ता को इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ा, जहां भैंस ट्रेन में फंस गयी और ट्रेन बेपटरी हो गयी. ट्रेन से भैंसा के टकराने की वजह से जोरदार आवाज हुई जिससे ट्रेन में सवार लोगों में अफरातफरी मच गयी. हालांकि, इस घटना में किसी भी यात्री के हताहत होने की जानकारी नहीं है.

ट्रेन के ड्राइवर श्री गुप्ता के अनुसार उनकी ट्रेन लगभग 40 किलोमीटर के रफ्तार पर थी, उसी दौरान कुरौता स्टेशन में प्रवेश के समय ही एक भैंस अचानक उनकी ट्रेन से टकरा गयी, जिससे उन्हें इमरजेंसी ब्रेक लगानी पड़ी. इधर, घटना की जानकारी होते ही किऊल से रेल अधिकारियों व कर्मचारियों का दल घटनास्थल पहुंच कर ट्रेन को पटरी पर लाने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी. वहीं सूचना मिलते ही दानापुर रेल मंडल के डीआरएम अनूप कुमार ठाकुर भी स्पेशल ट्रेन से घटनास्थल पहुंच मामले की पूरी जानकारी ली.

यहां बता दें कि विगत चार दिनों से भारी वर्षा की वजह से पटना व राजेंद्र नगर स्टेशन पर पानी जमा होने की वजह से विगत दो दिनों से पटना के रास्ते मुगलसराय या आगे के रास्ते तय करने वाली ट्रेनों को वाया गया होकर ही परिचालन कराया जा रहा था. सोमवार की भी सुबह सभी ट्रेनों को वाया गया ही परिचालन कराये जाने की बात कही गयी, लेकिन अहले सुबह ही कुरौता स्टेशन के पास ईएमयू ट्रेन के डिरेल हो जाने की वजह से वैसे सभी ट्रेनों का परिचालन पुन: पटना के रास्ते ही परिचालन कराये जाने का निर्देश दिया गया है.

दो ट्रेनों को किया गया रद्द, कई ट्रेनें चलीं विलंब से
ईएमयू ट्रेन के डिरेल होने से किऊल-गया मार्ग पर चलने वाले दो ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जिसमें गया-जमालपुर 53404 डाउन एवं गया-किऊल पैसेंजर 53626 डाउन शामिल हैं. वहीं इस दौरान गया-हावड़ा 13023 अप को सुबह 5:56 बजे 8:46 बजे तक जमालपुर में तथा सुबह 9:15 बजे से दोपहर 03:02 मिनट तक अभयपुर रेलवे स्टेशन पर रोके रखा गया. वहीं सहरसा से गया तक चलने वाले 53615 अप पैसेंजर ट्रेन को जमालपुर से सुबह 8:15 बजे की बजाय दोपहर 2:25 मिनट में गया के लिए खोला गया. इसके अलावा गया की ओर से किऊल आने वाले ट्रेन 63316 डाउन, 53626 डाउन तथा 63318 पैसेंजर को विभिन्न स्टेशनों पर रोके रखा गया तथा ट्रेन परिचालन प्रारंभ होने के बाद इन ट्रेनों का विलंब से परिचालन कराया गया.

नौ घंटे बाद डिरेल हुई ईएमयू को लाया गया पटरी पर, दोपहर तीन बजे हुआ परिचालन शुरू
किऊल-गया रेलखंड के कुरौता रेलवे स्टेशन पर बेपटरी हुई 63317 अप ईएमयू ट्रेन को पटरी पर लाने में रेलवे अधिकारियों व कर्मियों को लगभग नौ घंटे का समय लगा, जिसके बाद बेपटरी हुई ट्रेन को पटरी पर लाया गया तथा उसे किऊल रवाना किया गया. इस संबंध में यातायात निरीक्षक बीके चौरसिया ने बताया कि दोपहर 2:15 बजे हादसे का शिकार बनी ईएमयू को पटरी पर ले आया गया तथा दोपहर तीन बजे से किऊल-गया रेलखंड पर परिचालन प्रारंभ किया गया है.

दानापुर डीआरएम का दिखा तानाशाही रवैया, अन्य पत्रकारों के आक्रोशपूर्ण विरोध के बाद छोड़ा गया
किऊल-गया रेलखंड पर सोमवार की अहले सुबह 63317 डाउन ईएमयू ट्रेन के बेपटरी होने के बाद लखीसराय से पत्रकारों का दल कवरेज के लिए घटनास्थल पहुंचा हुआ था, जहां दानापुर रेल मंडल के प्रबंधक अनूप ठाकुर के पहुंचने पर जब एक हिंदी दैनिक के पत्रकार संतोष कुमार अपने मोबाइल से फोटो खींच रहे थे तो डीआरएम भड़क गये और पत्रकार को आरपीएफ जवानों के हाथों गिरफ्तार करवा लिया. फसके बाद मौके पर मौजूद अन्य पत्रकारों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए डीआरएम से अन्य सभी पत्रकारों को भी गिरफ्तार करने की मांग करते हुए कहा कि यह उनका तानाशाही रवैया है, जिसके बाद गिरफ्तार किये गये पत्रकार को आरपीएफ के द्वारा छोड़ा गया.

इधर, इस घटना के बाद जिले के अन्य पत्रकारों में काफी रोष व्याप्त है. पत्रकारों ने इसे चौथे स्तंभ पर हमला करार दिया. पत्रकारों ने कहा कि घटनास्थल पर कवरेज करने के लिए पत्रकार के साथ इस तरह की घटना काफी निंदनीय है. उसपर भी डीआरएम जैसे जिम्मेदार पद पर मौजूद व्यक्ति से इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती है.

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