लखीसराय : केंद्र सरकार के द्वारा शुक्रवार को रेल भाड़ा में वृद्धि का एलान करते ही शहरवासी सकते में आ गये. रेल मंत्रलय के द्वारा माल भाड़े में 6.4 प्रतिशत तथा यात्री टिकट किराया में 14.2 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है, जो 25 जून से लागू हो जायेगी. रेल किराये में बढ़ोतरी का सीधा असर मध्यमवर्गीय लोगों पर हो रहा है.
हालांकि केंद्र सरकार के द्वारा बताया जा रहा है कि यूपीए सरकार ने यह वृद्धि करने की घोषणा की थी. लेकिन चुनाव की घोषणा होने के कारण इसे लागू नहीं किया गया था. जबकि आगामी नौ जुलाई को संसद में रेल बजट पेश होना है.
इस वृद्धि के बाद देश में खाद्य पदार्थो सहित अन्य सामग्री की कीमतों में वृद्धि होना स्वाभाविक है. कारण जो भी हो, चाहे रेल भाड़ा में वृद्धि यूपीए सरकार के द्वारा की गयी या भाजपा गंठबंधन के द्वारा. इसका सीधा असर आम लोगों पर होगा. भाड़ा वृद्धि की घोषणा के बाद शहर के चौक चौराहों पर इसकी चर्चा शुरू हो गयी. लोग अच्छे दिन की दुहाई देते हुए कह रहे थे कि क्या इसी तरह लोगों का अच्छा दिन आने वाला है. अभी मात्र चंद दिनों पहले ही नयी सरकार का गठन हुआ है और आम लोगों की जेब ढीली कर दी. कुछ शहरवासियों ने भाड़ा वृद्धि को जरूरी कदम बताते हुए कहा कि रेलवे इन दिनों धन की कमी से जूझ रही है. टिकट भाड़ा व माल भाड़ा में बढ़ोतरी के बाद रेलवे को कुछ राहत मिलेगी. लोगों ने कुछ इस प्रकार अपनी प्रतिक्रिया जतायी.
समाज सेवी संजीव कुमार ने बताया कि रेल विभाग के द्वारा भाड़े में बढ़ोतरी गलत है. यह बढ़ोतरी रेल बजट पेश होने के दौरान होनी चाहिए थी. यह जनता के लिए शुभ दिनों की शुरुआत नहीं है.
व्यवसायी मनोज कुमार ने बताया कि देश का विकास व तरक्की के लिए यह वृद्धि आवश्यक थी. विभाग इन दिनों धन की कमी से जूझ रहा था. उन्होंने कहा कि यह वृद्धि विभाग के हित में की गयी है.
चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव सुवीन कुमार वर्मा ने बताया कि यह जनता के साथ छलावा है. मोदी सरकार द्वारा रेल किराया तथा माल भाड़ा में बढ़ोतरी से यह साबित हो गया कि यह सरकार गरीबों का कितना हित कर सकती है.
सुनील कुमार ने बताया कि रेल बजट पेश होने के पहले यह बढ़ोतरी जनता की समझ से परे है. बजट पेश होने के बाद देखा जाता कि भाड़ा बढ़ाया जाये या नहीं. यह जनता के साथ सरासर धोखा है.
व्यवसायी शरदेंदु मोहन ने बताया कि रेल भाड़े में इतना ज्यादा बढ़ोतरी कभी नहीं की गयी थी. यह गलत किया गया है. सरकार को फिर से इस वृद्धि के बारे में सोचना होगा.
उपेंद्र कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा के द्वारा आम लोगों को राहत दिये जाने की बात कही गयी थी. रेल भाड़े व माल भाड़े में इतनी ज्यादा बढ़ोतरी से उन्हें क्या राहत मिलेगी.
प्रणव कुमार ने बताया कि पूर्व के सरकार के द्वारा इतनी ज्यादा बढ़ोतरी कभी नहीं की गयी थी. यह मध्यमवर्गीय लोगों के साथ अन्याय है.
ज्वास निवासी संजीव कुमार ने बताया कि रेल बजट पेश होने के पूर्व इतनी ज्यादा बढ़ोतरी गलत है. सरकार को कोई और कदम उठाना चाहिए था. इसका सीधा असर आम लोगों पर होगा.
बालगुदर निवासी मो रफीक ने कहा कि रेलवे विभाग के धन की कमी को पूरा करने के लिए सरकार को कोई और कदम उठाना चाहिए था. इतनी बढ़ोतरी से आम लोगों पर काफी असर पड़ेगा.
वीरूपुर निवासी मो महबूब आलम ने बताया कि सरकार के द्वारा इतनी ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए थी. उन्होंने बताया कि चुनाव के पूर्व किये हुए वायदे के विपरीत यह कार्य किया गया है. क्या यही अच्छे दिन की शुरूआत है. चेंबर ऑफ कॉमर्स लखीसराय के मुख्य प्रवक्ता सुखदेव कुमार वर्मा ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा रेल टिकट व माल भाड़े में बढ़ोतरी से मोदी सरकार का असली चेहरा जनता के सामने आ गया है. उन्होंने जो पूर्व में वायदे किये थे. उसके विपरीत यह कार्य कर गरीबों के साथ अन्याय किया गया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आम जनता का कितना हित चाहेगी. यह बढ़ोतरी से साफ दिखायी दे रहा है.