लखीसराय : केंद्र सरकार के आदेश के बाद भी व्यवसायी वर्ग को बैंक द्वारा मुद्रा ऋण नहीं दिया जा रहा है. सरकार के आदेश के बाद भी व्यवसायियों को मुद्रा ऋण के लिए बैंकों का चक्कर काटना पड़ रहा है. कई व्यवसायी थक हार कर अब बैंक जाना भी छोड़ दिये हैं. पुरानी बाजार के कपड़ा व्यवसायी मनोज कुमार सिंह, अजय कुमार ने बताया कि वे डेढ़ वर्ष पूर्व ही मुद्रा ऋण के लिये भारतीय स्टेट बैंक एडीबी शाखा में आवेदन दिया था, लेकिन बैंकों का लगातार चक्कर काटते रहे फिर भी उन्हें ऋण नहीं मिला.
अब तो यह शाखा का भी विलय मेन ब्रांच में हो गया. बिहार ग्रामीण बैंक गढ़ी विशनपुर में 4 आवेदन एक वर्ष से लंबित है. आवेदक व पान व्यवसायी मकेश्वर सिंह ने बताया कि वे एक पैर से दिव्यांग हैं. पान की गुमटी चला कर परिवार का भरण पोषण करते हैं. व्यवसाय बढ़ाने के लिए ग्रामीण बैंक में मुद्रा ऋण के लिये आवेदन दिया. बैंक का चक्कर अभी तक लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें ऋण नहीं दिया जा रहा है. इसी गांव के महेंद्र ठाकुर ने बताया कि वे भी ग्रामीण बैंक में मुद्रा ऋण के लिये आवेदन दे रखा है. अब वे ऋण के चक्कर काटते रहे या फिर अपना दुकान चलाएं. रामपुर के किराना दुकानदार श्याम किशोर सिंह ने बताया कि मुद्रा ऋण के लिये उनसे जमानत की राशि मांगी जा रही है. जबकि सरकार के घोषणा के मुताबिक मुद्रा ऋण में कोई जमानत नहीं लेना है. सरकार के आदेश को ताक पर रख कर बैंक अपनी मनमानी पर उतारू है. चार महीने पूर्व बैंकों द्वारा ऋण नहीं दिये जाने के कारण व्यवसायी द्वारा समाहरणालय पर धरना भी दिया गया. तत्कालीन डीएम धरनार्थियों को स्पष्ट रूप से कहा कि वे इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं. जिससे कि व्यावसायियों में निराशा छा गया.