लखीसराय : लगभग 6 किलोमीटर लंबाई में फैली लखीसराय शहर को मुख्यत: सात-आठ भागों में विभक्त किया जा सकता है. विद्यापीठ चौक एरिया, पुरानी बाजार और चितरंजन रोड, थाना चौक, स्टेशन, नया बाजार, पचना रोड, बाजार समिति से कोर्ट एरिया तक में शहर बसा है. अपने अपने सुविधा के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के लोग इन्हीं […]
लखीसराय : लगभग 6 किलोमीटर लंबाई में फैली लखीसराय शहर को मुख्यत: सात-आठ भागों में विभक्त किया जा सकता है. विद्यापीठ चौक एरिया, पुरानी बाजार और चितरंजन रोड, थाना चौक, स्टेशन, नया बाजार, पचना रोड, बाजार समिति से कोर्ट एरिया तक में शहर बसा है.
अपने अपने सुविधा के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के लोग इन्हीं पांच एरिया में पहुंच कर बाजार करने का कार्य करते हैं. लेकिन इन तमाम जगहों पर सार्वजनिक शौचालय का अभाव है. जिससे शहर के लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है.ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचे लोग तो परेशान होते ही हैं. यहां तक कि शहर में बनाये गये विद्यापीठ चौक और निर्माणाधीन बायपास वाले बस स्टैंड में भी शौचालय की समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं है. सार्वजनिक शौचालय के अभाव में लोग किऊल नदी के किनारे बेपर्दा होने को विवश है.
जिसमें पुरुषों के साथ महिलाओं को भी परेशानी होती है. सार्वजनिक शौचालय के नाम पर स्टेशन के पास एक शौचालय है जो ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचे लोगों की लाज बचाती है.
विद्यापीठ चौक, नया बाजार, मुख्य बाजार, बाजार समिति, कलेक्ट्रेट के पास लोग काफी संख्या में मार्केटिंग एवं अन्य कार्यो के लिये पहुंचते हैं. लेकिन शौचालय व्यवस्था न होने से इसकी आवश्यकता पड़ने पर नगर परिषद को कोसने लगते हैं. नगरपालिका से नगर परिषद का दर्जा मिलने के बावजूद लखीसराय नगर परिषद आम सुविधा प्रदान करने में काफी पीछे दिखता है. जबकि किऊल नदी के किनारे पथला घाट के तर्ज पर जगह जगह शौचालय की सुविधा दिया जा सकता है.
लेकिन इसके लिये सिर्फ शौचालय निर्माण की जरूरत नहीं है. उसके रखरखाव की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिये. कम से कम बाजार समिति मुख्य द्वार के पास बने सार्वजनिक शौचालय की तरह सुरक्षा एवं सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिये. इसका उत्तम उदाहरण स्टेशन के पास नगर परिषद द्वारा संचालित सशुल्क शौचालय व्यवस्था है. ऐसी ही सशुल्क शौचालय की व्यवस्था विद्यापीठ चौक एवं जमुई मोड़ , थाना चौक के आस पास अनिवार्य है. नगर परिषद कार्यालय सूत्रों के अनुसार बोर्ड द्वारा वार्डो की योजना पर ही ध्यान केंद्रित किया जाता है. सार्वजनिक कार्यो का मामला पीछे रह जाता है.
नगर परिषद के माध्यम से धर्मरायचक काली स्थान, पथला घाट नया बाजार, किऊल बस्ती वार्ड 20, वार्ड 33 जयनगर आदि में शौचालय निर्माण तो कराया गया है लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के समीप के लिये योजना भी नहीं लिया गया है. वार्डो में बनाये सभी की स्थिति काफी दयनीय है. रखरखाव एवं सफाई की उचित व्यवस्था न होने से आम लोग निर्धारित स्थान के जगह आस पास गंदगी फैला रहे हैं. श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय के समीप बने महिलाओं के पेशाब घर से दरवाजा गायब है तो टाउन थाना के मुख्य द्वार पर बना शौचालय सुविधा विहीन पड़ा हुआ है. ऐसे में सार्वजनिक शौचालय के निर्माण का ही नहीं समुचित रखरखाव और सफाई की व्यवस्था के साथ शौचालय उपलब्ध कराने की योजना बननी चाहिये. जिसमें सशुल्क शौचालय व्यवस्था काफी सकारात्मक हो सकता है. इस सुविधा से शहर को ओडीएफ करने में भी काफी सहूलियत होगी. खास कर भीड़भाड़ वाले जगहों पर इसके निर्माण से नगर परिषद के राजस्व में भी वृद्धि होने की संभावना है.
ग्रामीण क्षेत्र से आये लोग होते हैं परेशान
कहते हैं मुख्य पार्षद
नगर परिषद के मुख्य पार्षद अरविंद पासवान ने कहा कि इसके लिये बोर्ड में चर्चा के साथ प्रस्ताव लिया जा चुका है. विकास निधि को देखते हुए इस योजना पर कार्य प्रारंभ किया जायेगा. शहर में सार्वजनिक जगहों का अभाव भी इस योजना के लिये परेशानी का सबब है. इसके लिये नगर विकास विभाग से भी राशि आवंटन की मांग की जायेगी. रखरखाव एवं सफाई व्यवस्था को लेकर आम लोगों का सहयोग काफी आवश्यक है. विभिन्न मुहल्लों में भी सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था
किया जायेगा.