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राशन कार्ड निर्माण पर छाया है संशय
राशन कार्ड निर्माण को लेकर धक्का-मुक्की खाकर लोगों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन जमा किया था. लेिकन सॉफ्टवेयर उपलब्ध नहीं होने अब तक राशन कार्ड उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. लखीसराय : लोक सेवाओं के अधिकार मामले से जुड़े नये राशन कार्ड निर्माण मामले पर अनिश्चितता छायी हुई है़ राशन कार्ड निर्माण संबंधी […]
राशन कार्ड निर्माण को लेकर धक्का-मुक्की खाकर लोगों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन जमा किया था. लेिकन सॉफ्टवेयर उपलब्ध नहीं होने अब तक राशन कार्ड उपलब्ध नहीं कराया जा सका है.
लखीसराय : लोक सेवाओं के अधिकार मामले से जुड़े नये राशन कार्ड निर्माण मामले पर अनिश्चितता छायी हुई है़ राशन कार्ड निर्माण संबंधी सॉफ्टवेयर राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराये जाने से निर्माण कार्य प्रारंभ भी नहीं हो पाया है़ काफी हंगामा, धक्का-मुक्की कर महिलाओं द्वारा जमा आवेदन फार्म कार्यालयों की शोभा बढ़ा रहे है़ं
वैसे आपूर्ति विभाग के कर्मी, अधिकारी की मानें तो जिला स्तर पर सारी प्रक्रिया लगभग पूरी की जा चुकी है़ 16 मार्च से अनुमंडल कार्यालय के आरटीपीएस काउंटर पर नये राशन कार्ड निर्माण को लेकर आवेदन फार्म जमा लेना शुरू हुआ था़ पांच हजार से अधिक फार्म जमा लेने के उपरांत 19 अप्रैल से प्रारंभ नगर निकाय चुनाव के नामांकन कार्य में व्यस्तता को लेकर आवेदन स्वीकार करना बंद कर दिया गया था़, जिस पर जिला प्रशासन को राज्य सरकार से मिले निर्देश की बाबत अभी तक चुप्पी बरकरार है. सिर्फ जांच को लेकर सभी बीडीओ के दूसरे कार्य में व्यस्तता की बात कही जाती है़ इधर, स्थिति यह है कि नगर निकाय चुनाव, वार्ड पार्षदों का रिजल्ट हो जाने पर आवेदन जमा करने को लेकर पुन: आरटीपीएस काउंटर पर महिलाओं का जुटान प्रारंभ हो चुका है़ सुबह से ही ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आरटीपीएस काउंटर के समक्ष जुट जाती हैं.
वहीं कार्यालय खुलने पर उन्हें सिर्फ कर्मचारियों अभी कार्य नहीं होने संबंधी जानकारी मिलने के बाद वापस लौटना पड़ता है़ गुरुवार को लखीसराय सदर प्रखंड के कुरौता गांव से पहुंची मीना, नीलम, सोनी, कामिनी, कंचन, राखी, मंजु, रीना, मीरा, मोरमा गांव की कामिनी, कंचन, राखी, बलुआ पर की सोनी, अंशु, महिसोना की रीना, प्रमिला आदि सुबह पांच बजे से ही आरटीपीएस काउंटर खुलने के इंतजार में बैठी हुई थी़ अनुमंडल कार्यालय के घेराबंदी कार्य में लगे मजदूरों के समझाने पर भी सभी महिलाएं जमी रहीं. काउंटर खुलने के बाद निराशा हाथ लगने पर सभी महिलाएं समय पूर्व कार्यालय पहुंचे जिलाधिकारी सुनील कुमार के कार्यालय जा पहुंची, जहां सुरक्षा में लगे जवानों द्वारा उन्हें समझा-बुझाकर एक महीने बाद पता लगाने की बात कहकर काफी मुश्किल से लौटाया गया़ इस संबंध में एडीएसओ मनोज कुमार ने बताया कि एक तो अभी तक सॉफ्टवेयर उपलब्ध नहीं हो पाया है, उस पर एक माह पूर्व आवेदन जमा करने वाले प्रार्थी कार्यालय पहुंचने लगे हैं. ऐसे में मजबूरन फार्म जमा लेना बंद करना पड़ा है़
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