नगर निकाय चुनाव. नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए बन रहे समीकरण
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कुर्सी के लिए जारी है जोड़-तोड़
नगर निकाय चुनाव. नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए बन रहे समीकरण नगर निकाय चुनाव के सारे नतीजे सामने आ गये हैं. अब आखिरी दावं चलने की बारी है. अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. किशनगंज : मिट गयी सारी दूरियां. सिमट गये पार्षद वोट के आंकड़ों में. अब नप अध्यक्ष […]
नगर निकाय चुनाव के सारे नतीजे सामने आ गये हैं. अब आखिरी दावं चलने की बारी है. अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है.
किशनगंज : मिट गयी सारी दूरियां. सिमट गये पार्षद वोट के आंकड़ों में. अब नप अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए जादुई आंकड़ों की सख्त दरकार. निर्वाचित पार्षदों को गोलबंद करने की तमाम कोशिशें जारी है.
34 सदस्यीय किशनगंज नगर परिषद बोर्ड में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद हमेशा चर्चा में रहा है. 2017 के चुनाव के सारे नतीजे सामने आ चुके हैं. अब आखिरी दावं चलने की बारी है. अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए सुरक्षित है. यह पद इस दायरे में आने वाले निर्वाचित पार्षदों के नाम ही होना है. महिला-पुरुष का इस बार झंझट ही नहीं. इसलिए कहना मुश्किल है कि अध्यक्ष महिला होंगी या पुरुष. लेकिन इस पद पर आरूढ़ होने वाले पार्षद को 18 पार्षदों का साथ चाहिए.
वहीं, उपाध्यक्ष का पद आरक्षण के दायरे से बिल्कुल बाहर है. इसलिए इस पद पर कोई भी पार्षद चुनाव लड़ सकता हैं. किशनगंज नगर परिषद बोर्ड के नेपथ्य में जाकर देखें, तो उपाध्यक्ष पद पर काबिज होने वाला गुट ही तय करता है कौन होगा मेयर. 2017 के नगर निकाय चुनाव से लेकर अब तक उपाध्यक्ष के पद के लिए आंची देवी जैन, जमशेद आलम और सन्नो देवी गट्टानी के नाम फिजां में तैर रहे हैं. चुनाव के दौरान इस बात की चर्चा जोरों पर रही कि पूर्व अध्यक्ष आंची देवी निर्विरोध निर्वाचित होते ही इस बार उपाध्यक्ष पद के लिए सशक्त दावेदार होंगी. अब बारी आयी है 2017 में संपन्न चुनाव में जीत कर आए
अनुसूचित जाति के पार्षदों की. पार्षदों के बीच चल रही चर्चा और बैठकों के दौर से जो बातें बाहर की फिजां में तैर रही है. उस पर यदि गौर फरमाया जाए तो अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए दो गुट हॉर्स ट्रेडिंग में जुट गये हैं. इस गुट में उनके कुछ अनुयायी पार्षद या फिर उनके प्रतिनिधि भी थे. इधर, जमशेद गुट के लोग पार्षदों को लामबंद करने के लिए बैठक और मिलने-मिलाने का काम कर रहे हैं. वहीं ‘तीसरी शक्ति’ इस बार उपाध्यक्ष पद के लिए गोलबंद होने लगी है,
जिसमें अल्पसंख्यक समाज से जीत कर आने वाले पार्षदों की संख्या अधिक बतायी जाती है. बहरहाल, यह तय हो चुका है कि किशनगंज नगर परिषद में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तिथि अभी घोषित होने के बाद ही पता चल पायेगा. इसलिए अभी लंबा गैप है. इतने दिनों में कई समीकरण बनेंगे और टूटेंगे भी. आखिरी जीत उसी की होगी जो 18 पार्षदों का जादुई आंकड़ा लेकर आएगा.
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