बिहार-बंगाल सीमा पर कभी भी गरज सकती हैं बंदूकें
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वर्चस्व को ले दो गुटों में तनाव
बिहार-बंगाल सीमा पर कभी भी गरज सकती हैं बंदूकें दालकोला और फरिंगोला बलिचूका के समीप कोयला और इंट्री माफिया का बना सुरक्षित क्षेत्र किशनगंज : अवैध कोयला लदे ओवर लोडेड ट्रकों का परिचालन जारी है. वर्चस्व को लेकर दो गुटों में रोष व्याप्त है. पुलिस अगर सतर्क नहीं हुई तो कभी भी खूनी खेल की […]
दालकोला और फरिंगोला बलिचूका के समीप कोयला और इंट्री माफिया का बना सुरक्षित क्षेत्र
किशनगंज : अवैध कोयला लदे ओवर लोडेड ट्रकों का परिचालन जारी है. वर्चस्व को लेकर दो गुटों में रोष व्याप्त है. पुलिस अगर सतर्क नहीं हुई तो कभी भी खूनी खेल की घटना घट सकती है.
ज्ञात हो कि बिहार-बंगाल के सीमा दालकोला और फरिंगोला बलिचूका के समीप कोयला और इंट्री माफियाओं के लिए सुरक्षित क्षेत्र बना हुआ है. इसका एक मात्र कारण है कि वह क्षेत्र बिहार-बंगाल का बॉर्डर है. प्रशासन की चुप्पी से कोयला माफियाओं की चांदी कट रही है. स्थानीय लोगों की मानें तो प्रशासन की मिलीभगत से यह खेल हो रहा है. सूत्रों की मानें तो प्रत्येक कोयला गाड़ी वाले को माहवारी तय कर दिया है. हलांकि बीच में किशनगंज एसडीओ मो शफीक और कामिनी बाला द्वारा दर्जनों कोयला से लदे ट्रकों की जब्ती के बाद खेल जरूर कम गया था. लेकिन पुन: धीरे-धीरे यह सिलसिला प्रारंभ हो गया है.
कोयला माफियाओं का नेटवर्क इतना मजबूत है कि जिला से जब कोई अधिकारी आते हैं, तो माफिया को पता चल जाता है. इधर कोयला के कारोबार में दूसरा गुट अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है, जिससे दोनों गुटों के बीच आग सुलग रही है. यह कभी भी विस्फोटक हो सकता है.
क्या कहते हैं एसडीपीओ
इस्लामपुर एसडीपीओ प्रदीप यादव ने बताया कि रविवार को कुछ लोग बलिचुका क्षेत्र में इकट्ठा हुए हैं. लेकिन पांजीपाड़ी पुलिस मौके पर पहुंच जब इसकी तहकीकात की तो वहां कोई भी नहीं मिला. उन्होंने कहा कि पुलिस पूरी तरह से चौकस है.
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