ठाकुरगंज : मकर संक्रांति को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा गया. पौष पूर्णिमा के उपरांत सूर्य भगवान के उत्तरायण होने के बाद मकर संक्रांति मनाये जाने की परंपरा रही है. इस मौके पर लोग स्नान ध्यान के साथ पूजा-अर्चना कर एक दूसरे को शुभ दिन की बधाई देते हैं साथ ही पतंग उड़ाने की भी परंपरा पौराणिक काल से ही चली आ रही है.
आज के दिन चूड़ा-दही तिलकुट के अलावा तिल से बने व्यंजन खाने व खिलाने का रिवाज है लोग अपने परिवार में अपने से छोटो को तिल के खिला कर कर्त्तव्य निवर्हन का वचन लेते हैं. घर-घर चूड़ा दही का भोजन होता है रात को खिचड़ी खाने का प्रचलन है. बहरहाल, मकर संक्रांति को लेकर लोगों में खासा उत्साह है.