दिघलबैंक : नेपाल से सटे सीमावर्ती इलाकों में हर साल बाढ़ आती है और अपने साथ लाती है भयानक तबाही हर साल लोग बेघर होते है़ं किसान की फसल हो या सड़कें सभी को व्यापक क्षति होती है़ भौगोलिक रूप से बिहार की तुलना में नेपाल काफी ऊंचाई पर बसा हुआ है जहां के पहाड़ी इलाकों में होने वाली जबरदस्त बारिश विभिन्न स्रोतों के माध्यम से नदियों को भर देती है़
इसके बाद बलखाती हुई नदियां पहाड़ी क्षेत्र से गुजरते हुए जैसे ही बिहार के समतल मैदानी इलाकों में आती है़ किनारे पर बसे गांव और इलाकों पर कहर बरपाती है़ हर साल ये नदियां अपने जल के साथ कंकड़, पत्थर, बालू का भंडार लेकर आती है और जिस वजह से नदियों की गहराई कम होती जा रही है़ साथ ही इन कारणों से से नदी की धारा भी बदल रही है़ ताराबाड़ी के समीप मिरभिट्टा में भी कनकई नदी अपनी असली प्रवाह से अलग होकर बहने के प्रयास में है जिस कारण वहां कटाव का खतरा मंडराने लगा है और कमोबेश यही हालत अन्य दूसरी जगहों पर भी है.