विधान पार्षद डा दिलीप कुमार जायसवाल का स्वागत करती आदिवासी महिलाएं, राहत सामग्री प्रदान करते डा जायसवाल.
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बाढ़पीड़ितों के दर्द पर लगाया मरहम
विधान पार्षद डा दिलीप कुमार जायसवाल का स्वागत करती आदिवासी महिलाएं, राहत सामग्री प्रदान करते डा जायसवाल. किशनगंज : स्थानीय वनवासी आश्रम के प्रांगण में शनिवार को बाढ़ पीड़ित 1600 आदिवासी परिवारों के बीच विधान पार्षद सह विधान परिषद मानवाधिकार समित के अध्यक्ष व एमजीएम मेडिकल कालेज के निदेशक डा दिलीप कुमार जायसवाल ने राहत […]
किशनगंज : स्थानीय वनवासी आश्रम के प्रांगण में शनिवार को बाढ़ पीड़ित 1600 आदिवासी परिवारों के बीच विधान पार्षद सह विधान परिषद मानवाधिकार समित के अध्यक्ष व एमजीएम मेडिकल कालेज के निदेशक डा दिलीप कुमार जायसवाल ने राहत सामग्री वितरित कार्य की शुरूआत की.
इससे पहले आदिवासी समाज के महिला व पुरूषों ने विधान पार्षद डा जायसवाल का तिलक लगाकर स्वागत किया. इस मौके पर श्री जायसवाल ने कहा कि पीड़ित मानव की सेवा करना ही सच्ची सेवा है. किशनगंज में आयी बाढ़ के कारण हजारों की आबादी प्रभावित रही है. बाढ़ प्रभावित चिन्हित परिवारों को चिन्हित परिवारों के बीच राहत सामग्री वितरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एमजीएम मेडिकल कालेज में गरीब बीमार व्यक्तियों का इलाज मुफ्त में किया जा रहा है.
अपने हक के लिए आगे आयें : डा जायसवाल : डा जायसवाल ने कहा कि आदिवासियों के लिए केंद्र सरकार कई प्रकार की योजनाएं चला रही हैं लेकिन जागरूकता के अभाव में आदिवासी अपने हक से वंचित हो जा रहे हैं. उन्होंने सभी आदिवासियों से सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेने के लिए जागरूक होने की अपील की. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
श्री जायसवाल ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि आज आदिवासी समुदाय अपने ही देश में अधिकारों से वंचित हैं. गांव हो या शहर, सब जगह आदिवासी आदिवासियों को छलने का काम किया जा रहा है. जो अधिकार उन्हें मिलना चाहिए, वह आज तक नहीं मिल सका है. कहा कि आदिवासी समुदाय को अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने को लेकर सजग रहना चाहिए. बच्चों को सामाजिक शिक्षा के साथ-साथ भाषा और संस्कृति का भी ज्ञान देना चाहिए. आदिवासी प्रकृति के पुजारी हाते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में आदिवासियों के अस्तित्व खतरे में है.
प्रदेश सरकार की ओर से लगातार आदिवासियों के खिलाफ कानून बनाया जा रहा है. ऐसे में आदिवासियों को एकजुटता का परिचय देना होगा. उन्होंने कहा कि आदिवासी परंपरा, भाषा संस्कृति, रीति रिवाज पर हो रहे हमले को रोकने की जरूरत है. आधुनिक युग में लोग पुरानी परंपरा को भूलने लगे हैं.
मौके पर वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष उत्तम मित्तल, प्रदेश संगठन मंत्री विनोद कुमार, देवदास, प्रो डा मीणा, निभाजी, कुसुम अग्रवाल, प्रो डा लिपि मोदी, अभिनव मोदी, अजय सिंह, मुकेश हेम्ब्रम, शिवलाल हांसदा, बबीता देवी, विनोद मरांडी, मुकेश हेम्बम, रामजी हेम्ब्रम,अमित आदि गणमान्य लोग मौजूद थे.
वनवासी आश्रम के प्रांगण में 16 सौ बाढ़ पीड़ितों के बीच डॉ दिलीप जायसवाल ने बांटी राहत सामग्री
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