किशनगंज : जिले में मवेशी तस्करी में कुछ माह तक मवेशी तस्करी में थोड़ी कमी आने के बाद लोगों को लगा कि शायद इस पर काबू पा लिया जायेगा, लेकिन गत दिनों अनुमंडल पदाधिकारी मो शफीक एनएच 327 ई पर मवेशी से लदे एक के पकड़े जाने से जाहिर हो गया कि मवेशी तस्कर फिर से सक्रिय हो गये है़
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रुकने का नाम नहीं ले रहा जिले में पशु तस्करी का मामला
किशनगंज : जिले में मवेशी तस्करी में कुछ माह तक मवेशी तस्करी में थोड़ी कमी आने के बाद लोगों को लगा कि शायद इस पर काबू पा लिया जायेगा, लेकिन गत दिनों अनुमंडल पदाधिकारी मो शफीक एनएच 327 ई पर मवेशी से लदे एक के पकड़े जाने से जाहिर हो गया कि मवेशी तस्कर फिर […]
विडंबना यह है कि एक राज्य से दूसरे राज्य में पशुओं को ले जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन रोक के बावजूद मवेशियों की तस्करी रूकने का नाम नहीं ले रही है़ मवेशी तस्कर का जाल पूरे सीमांचल में फैला हुआ है़ मवेशी उत्तर प्रदेश, सहरसा, सुपौल, खगड़िया आदि जिले से होकर पूर्णिया जिले के डगरूआ, गुलाबाग और अररिया जिले के जोकीहाट को डंपिंग जोन के रूप में तस्कर इस्तेमाल करते आ रहे है़
रात के अंधेरे में ट्रकों और डंफरों में भरकर गिरोह के सदस्य किशनगंज जिले के एनएच 31और एनएच 327 ई होते पश्चिम बंगाल सीमा पर पार कराते है़ हालांकि इस रास्ते पर कई पुलिस नाका व थाना रहने के बावजूद तस्कर आसानी से मवेशी को बंगाल भेजने में सफल हो जाते है़ सूत्रों की माने तो पुलिस में कुछ ऐसे लोग है जो इस तस्करी को बढ़ावा दे रहे है़
वहीं भाजयुमो के जिलाध्यक्ष गौतम पौददार ने कहा कि एनएच 31 और 327 ई से लगने वाले थानों पर तैनात पुलिसकर्मियों का समय- समय पर तबादला करें ताकि तस्करों से साठगांठ संभव न हो़ श्री पौददार ने कहा कि पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे मवेशियों की तस्करी पर प्रतिबंध के लिए सख्त कदम उठाये़ तीन माह पूर्व एसडीओ मो शफीक और डीटीओ मनीष कुमार ने चार मवेशी तस्करों को पकड़ा था जिसमे एक ठाकुरगंज प्रखंड के कुर्लीकोर्ट थाना में पदस्थापित चौकीदार पुत्र शामिल था़ इनसे पूछताछ में कई सनसनी खेज खुलासे हुए थे़
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