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पानी का लेयर एक फीट नीचे गया
जनसंख्या में लगातार वृद्धि से, पानी का हो रहा दुरुपयोग. घर में अत्यधिक चापाकल, बोरिंग के इस्तेमाल से पानी का हो रहा दुरुपयोग. साथ ही मेंची नदी में अवैध बालू का खनन पर रोक लगानी चाहिए कोचाधामन/गलगलिया : लगातार बढ़ती जा रही गरमी और भू-जल स्तर धीरे-धीरे नीचे गिरने से जिले वासी सकते में है. […]
जनसंख्या में लगातार वृद्धि से, पानी का हो रहा दुरुपयोग. घर में अत्यधिक चापाकल, बोरिंग के इस्तेमाल से पानी का हो रहा दुरुपयोग. साथ ही मेंची नदी में अवैध बालू का खनन पर रोक लगानी चाहिए
कोचाधामन/गलगलिया : लगातार बढ़ती जा रही गरमी और भू-जल स्तर धीरे-धीरे नीचे गिरने से जिले वासी सकते में है. इसका उदाहरण है कनकई नदी जो धीरे-धीरे नाले के रूप लेता जा रहा है. मेंची नदी जल विहीन होते जा रहा है, जो चिंता का विषय बना हुआ है. इसके आस-पास प्रथम लेयर यानी एक फीट पानी का लेयर नीचे चला गया है.
हालांकि अभी कनकई नदी के किनारे बसे मजकूरी, निंगसिया, चरघरिया, बलिया आदि गांवों में पानी का लेयर एक फीट नीचे चला गया है. इससे भयावह स्थिति मेंची नदी के किनारे बसे थारोधाधनी, बक्सरभिट्ठा, नेमीगुरी, नेगड़ाडुबा गांवों की स्थिति है. मेंची नदी में पानी नहीं आने से उसके तटवर्ती इलाके के दर्जनों गांव के जल स्तर में भारी गिरावट देखने को मिल रही है.
बढ़ती जनसंख्या प्रमुख कारण
ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है. इससे भूगर्भ जल का दोहन भी खूब हो रहा है. आंकड़ों पर गौर गरें, तो वर्ष 2011 में जिले की कुल जन संख्या 16 लाख 90 हजार 948 था, जबकि वर्तमान में लगभग 20 लाख हो गयी है. यदि लोग अभी भी जल का दोहन असामान्य तरीके से करना बंद कर दें और बारिश होती रहे, तो लंबे समय पर भूजल की कमी नहीं होगी.
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