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जेल अधीक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

किशनगंज : जिला पदाधिकारी पंकज दीक्षित के निर्देश पर जेल अधीक्षक मामले की जांच कर रहे एसडीओ मो शफीक की लिखित शिकायत के आधार पर स्थानीय महिला थाना में गत बुधवार को मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. एसडीओ मो शफीक ने विभिन्न समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों में प्रकाशित खबर के आलोक में […]

किशनगंज : जिला पदाधिकारी पंकज दीक्षित के निर्देश पर जेल अधीक्षक मामले की जांच कर रहे एसडीओ मो शफीक की लिखित शिकायत के आधार पर स्थानीय महिला थाना में गत बुधवार को मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. एसडीओ मो शफीक ने विभिन्न समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों में प्रकाशित खबर के आलोक में जब मामले की जांच की तो यह तथ्य उभर कर सामने आया कि पीड़ित युवती का पिता स्थानीय मंडल कारा में विगत 8-10 वर्षों से खाद्य पदार्थ की आपूर्ति करने का काम करते हैं.

काम के दौरान ही उनका परिचय कृपा शंकर पांडे से हो गया था तथा श्री पांडे ने पीड़िता के घर आना-जाना प्रारंभ कर दिया. इसी दरम्यान श्री पांडे की बुरी नजर पीड़िता पर पड़ गयी थी तथा पीड़िता के माता-पिता को अपने विश्वास में लेकर उसका यौन शोषण करने लगा था. इसके एवज में परिवार के सदस्यों को समय-समय पर प्रलोभन स्वरूप कई कीमती सामान भी भेंट करता था.

पीड़िता के पिता के मंडल कारा में सप्लाई का काम करने के कारण पीड़िता के माता-पिता कृपा शंकर की सारे कूकृत्यों से अवगत रहने के बावजूद कभी भी घटना का विरोध नहीं किया था. उन्हें यह डर सताने लगा था कि घटना का विरोध किये जाने पर श्री पांडे अपने रसूख के बलबूते उनका टेंडर रद्द करा सकते हैं.

हालांकि पुलिसिया पूछताछ के क्रम में पीड़िता व उसकी मां ने दोनों के बीच बाप-बेटी का संबंध होने का भरपूर दावा किया. परंतु खबरों में छपी तसवीरों की कुछ और ही कहानी बयां करने से पुलिस व जांच दल ने उनकी एक न सुनी. अपने आवेदन में एसडीओ मो शफीक ने श्री पांडे द्वारा पूर्व में कैदी के साथ किये गये अप्राकृतिक यौनाचार व प्रताड़ना का मामला भी दर्ज करा दिया, जिससे स्पष्ट हो गया कि जेल अधीक्षक कृपा शंकर पांडे अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत आचरण करते हैं तथा पूर्ण रूप से दोषी हैं.

जेल अधीक्षक बनेंगे भागलपुर केंद्रीय कारा के कैदी
किशनगंज. कारा एवं सुधार सेवाएं के महानिरीक्षक ने कैदी कृपा शंकर पांडेय को केंद्रीय कारा भागलपुर भेजने का निर्देश जारी किया है. जेल महानिरीक्षक ने अपने पत्रांक 1751/17.3.16 के तहत कहा कि आरोपी जेल अधीक्षक कृपा शंकर पांडे किशनगंज मंडल कारा में पदस्थापित रहे है और उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होने के फलस्वरूप अपने पद के प्रभाव का अन्य कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों पर प्रभाव बना कर लाभ उठा सकते है. साथ ही तथ्यों को छुपाने का काम भी कर सकते है जिससे कांड के अनुसंधान प्रभावित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
पूर्व में मंडल कारा के एक बंदी द्वारा कृपा शंकर पांडे के विरुद्ध समर्पित किया गया था. जिससे जेल के भीतर विधि व्यवस्था उत्पन्न होने के संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा प्रतिवेदन दिया गया है. उक्त सभी मामले के मद्देनजर अनुमंडल पदाधिकारी के प्रतिवेदन के अनुसार लोकहित एवं जनहित एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण एवं कारा की सुरक्षा को देखते हुए कारा हस्तक 2012 के नियम 781 की कंडिका 8 में उल्लेखित बंदी अधिनियम 1990 की धारा 29(2)के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बंदी कृपा शंकर पांडे को विशेष केंद्रीय कारा भागलपुर में अगले दो माह के लिए हस्थानांतरित कर दिया जाये.

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