किशनगंज : रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर अरसे से चाय नास्ते की दुकान चला कर अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले पांच वेंडरों के प्रतिष्ठान को रेल प्रशासन ने दो दिसंबर से बंद कर दिया है. दुकान बंद हो जाने से इन भूखमरी के कगार पर पहुंच चुके वेंडरों ने आगामी 22 जनवरी को प्रस्तावित रेल महाप्रबंधक के दौरे के दौरान सामूहिक रूप से आत्मदाह करने की धमकी दी है. पीडि़त स्टॉल संचालकों का कहना है कि वे ससमय रेलवे को दुकानों का किराया सौंप दिया करते थे.
इसके बावजूद रेल महाप्रबंधक के प्रस्तावित दौरे के दौरान स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर को चुस्त दुरूस्त दिखाने के उद्देश्य से रेलवे ने साजिश के तहत सर्वप्रथम उनका फूड लाइसेंस रद्द कर दिया फिर गत 7 जनवरी को दुकान हटाने का निर्देश जारी कर दिया तथा न हटाने की स्थिति में बल प्रयोग करने की भी धमकी दे डाली. हालांकि घटना से डरे सहमे प्रतिष्ठान संचालकों ने विगत 2 दिसंबर से ही अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया है. नतीजतन अब उनके समक्ष भूखमरी की नौबत आ गयी है.
उन्हें अब यह डर सताने लगा है कि महाप्रबंधक के दौरे के पश्चात कहीं रेलवे उनसे जीविका का सहारा न छीन ले. नतीजतन प्रतिष्ठान संचालक रेलवे से उचित आश्वासन की मांग करने लगे और वरीय पदाधिकारी के कार्यालयों के बार बार चक्कर लगाने के बाद भी जब रेलवे ने उन्हें उचित आश्वासन नहीं दिया तो वे विचलित हो उठे और आत्मदाह की धमकी दे डाली.
हालांकि इस संबंध में कटिहार रेल डिविजन के डीआरएम उमा शंकर सिंह यादव ने कहा कि रेलवे नियमानुसार ही कार्य करती है तथा मान्यता प्राप्त वेंडरों को ही रेल परिसर में स्टॉल लगाने की अनुमति प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि इन वेंडरों के माले की जांच कर उचित कार्रवाई अवश्य की जायेगी.