किशनगंज: मुस्लिम बहुल पिछड़ा क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए केंद्र सरकार ने मल्टी सेक्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसडीपी) के तहत विभिन्न सेक्टरों में योजना का शुभारंभ किया. परंतु किशनगंज जिले में यह योजना भ्रष्ट पदाधिकारियों की भेंट चढ़ गयी.
जिले के अन्य सभी प्रखंडों में वर्तमान में कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं जो भवनहीन हैं. ठाकुरगंज प्रखंड में निर्मित निर्माणाधीन आंगनबाड़ी को पुन: कई बार स्वीकृत करा कर राशि का गबन कर लिया गया. एमएसडीपी के तहत स्वीकृत आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि कार्यकारी एजेंसी आश्वस्त हो ले कि संबंधित केंद्र भवन की स्वीकृति पूर्व में किसी अन्य योजना अंतर्गत नही दी गयी हो.
ठाकुरगंज प्रखंड के बीडीओ पीटर मिंज द्वारा एमएसडीपी योजना के तहत लगभग 2 करोड़ रुपये के गबन मामले में विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनुमंडल पदाधिकारी कंवल तनुज ने अपनी जांच रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र करते हुए कहा है कि बीडीओ द्वारा केंद्रों के चयन में बरती जा रही अनियमितता व डुप्लीकेसी रोकने में जिला योजना कार्यालय द्वारा नहीं किया गया. बल्कि बीडीओ के सभी प्रस्ताव को स्वीकृति मिलता रहा. प्राप्त जानकारी के अनुसार एसडीओ ने जिला योजना कार्यालय में पदस्थापित प्रधान सहायक मो इरतजा एवं कार्यवाहक सहायक सुमंत पर अंगूली उठाते हुए कहा है कि उक्त दोनों कर्मी जिला योजना कार्यालय में वर्षो से पदस्थापित है. जिला योजना कार्यालय द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं द्वारा स्वीकृत केंद्रों की जानकारी इन्हें अवश्य होगी. वहीं बीडीओ द्वारा अनुचित प्रस्ताव भेजे जाने पर इस आशय की प्रवृष्टि संबंधित संचिका में किया जाना चाहिए था परंतु इनके द्वारा ऐसा नही किया गया. ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि प्रधान सहायक एवं कार्यवाहक सहायक किसके निर्देश अथवा दबाव में गड़बड़ियों को उजागर नही किया.