जबकि शेष घायलों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. पूर्व से आर्थिक तंगी ङोल रहे सैदुल के परिजन घायलों के इलाज में हो रहे खर्च को वहन न कर पाने के कारण शेष जिंदा बचे घायलों को पुन: किशनगंज ले आया और उन्हें इलाज हेतु स्थानीय सदर अस्पताल में भरती करा दिया. जहां सैदुल की पत्नी तजकीरा खातून व छ वर्षीय पुत्र इम्तियाज की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
लगभग 90 प्रतिशत से अधिक जल चुकी तजकीरा को नव जीवन प्रदान करने में सदर अस्पताल के चिकित्सक जी जान से जुटे है. वहीं घटना के संदर्भ में परिजनों के बताया कि शनिवार मध्य रात्रि में रसोई घर से लगी आग ने देखते ही देखते पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया था. घटना के वक्त सैदुल अपने पत्नी व बच्चे के साथ एक कमरे में सो रहा था . उन्हें बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था. वहां पहुंचे ग्रामीणों ने घर की टाटी को काट कर अपनी जान जोखिम में डालकर उन्हें बाहर निकाला.