पौआखाली: पौआखाली मध्य विद्यालय में मध्याह्न भोजन छात्र-छात्राओं के गले नहीं उतर रहा है. इसका अंदाजा विद्यालय के निकट चापानल और विद्यालय चाहर दीवारी के पास बिखरे पड़े मध्याह्न भोजन देखने से साफ हो जाता है. मंगलवार को विद्यालय के छात्र-छात्रा ने मध्याह्न भोजन को नहीं खाया. इस लेकर छात्र-छात्राओं ने हंगामा भी किया था. दर्जनों छात्रों का कहना था कि विद्यालय में पकाया गया खाना अगर स्वादिष्ट व पोष्टिक होता, तो हम भोजन को क्यों बाहर फेंकते? छात्रों ने कहा कि सब्जी में अलग से पानी डाल कर जैसे तैसे बनाया जाता है. सब्जी में कोई स्वाद नहीं रहता है. मामले में विद्यालय में पदस्थापित समन्वयक उदय कुमार ने कहा कि विद्यालय में बच्चों का खाना उचित मात्रा में पकाया जाता है. किंतु भोजन की बरबादी की बात से वे सहमत है. वहीं मध्याह्न भोजन व अन्य कई मुद्दों को लेकर विद्यालय में शिक्षकों का एक धरा बच्चों के साथ नजर आ रहे है. हालांकि इस विद्यालय में पहले भी कई बाद मध्याह्न भोजन को लेकर विवाद हुआ था. लेकिन पहली बार है जब विद्यालय के शिक्षक भी विवाद को अपना स्वर देकर हकीकत को उजागर किया है. 940 बच्चों का यह विद्यालय प्रतिदिन की उपस्थिति और मध्याह्न भोजन पंजी में दर्ज उपस्थिति पर भी सवाल खड़ा किये है.
ध्यातव्य है कि मंगलवार को छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने प्रधानाध्यापक जाकिर हुसैन के खिलाफ मोरचा खोल दिया. इसीक्रम में मध्याह्न भोजन से छात्रों को वंचित रखने को लेकर बच्चों ने लगभग एक घंटे तक बवाल काटा था. भोजन की गुणवत्ता पर भी बच्चों ने कई सवाल खड़े किये है.
कहते हैं प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक जाकिर हुसैन ने कहा कि कुछ लोग मुझे बदनाम करना चाहते है. ऐसी कोई बात नहीं है.
कहते हैं समन्वयक
सीआरसी समन्वयक उदय कुमार ने कहा कि विद्यालय में मध्याह्न भोजन बच्चों की उपस्थिति के हिसाब से खाना पकाया जाता है. अक्सर भोजन बच्चे बरबाद करते है. जिन्हें फेंकना पड़ जाता है.