पोठिया: प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ढेकीपाड़ा अनुसूचित जाति एवं जनजाति बहुल गांव आजादी के 67 वर्ष बाद भी लालटेन युग में जीने को विवश है. प्राप्त जानकारी के अनुसार जहांगीरपुर पंचायत अंतर्गत तीन सौ परिवारों का यह गांव केंद्र और राज्य सरकार के दावों का पोल खोल रही है. जहां केंद्र व राज्य सरकार द्वारा इन समुदायों वाले गांवों में घर-घर बिजली व मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने का ढिंढोरा पीटने का दावा साफ खोखली नजर आ रही है.
ग्रामीणों की मानें तो छह वर्ष पूर्व उक्त गांव में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत पोल, पार, लगा कर 25 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगा कर विद्युत आपूर्ति कर दी गयी, लेकिन महज सात दिनों के भीतर ट्रांसफॉर्मर जल गया. इसकी सूचना संबंधित अधिकारी को दी गयी, लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी उक्त गांव के लोगों की सुधि लेने कोई नहीं पहुंचा. विधायक, सांसद तक ग्रामीणों द्वारा गुहार लगाने के बावजूद भी स्थिति जस की तस है.
बिजली नहीं रहने से छात्र-छात्रओं को पठन-पाठन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और कई समस्या से ग्रामीणों को दो चार होना पड़ता है.