दिघलबैंक: धनतोला पंचायत के दक्षिणी छोर पर बसे हजारों की आबादी वाला गांव मुखिया टोला मोहामारी, भाम टोली, खरूवाल टोला गांव वासियों को एक अदद पुल भी नसीब नहीं है. मोहामारी जानकी चौक से मुखिया टोला जानेवाली सड़क की दयनीय स्थिति है. सड़क पर बने पुल पिछले वर्ष आये बाढ़ में ध्वस्त हो गये. पुल […]
दिघलबैंक: धनतोला पंचायत के दक्षिणी छोर पर बसे हजारों की आबादी वाला गांव मुखिया टोला मोहामारी, भाम टोली, खरूवाल टोला गांव वासियों को एक अदद पुल भी नसीब नहीं है.
मोहामारी जानकी चौक से मुखिया टोला जानेवाली सड़क की दयनीय स्थिति है. सड़क पर बने पुल पिछले वर्ष आये बाढ़ में ध्वस्त हो गये. पुल का दोनों हिस्सा सड़क से कट चुका है. इसके बाद ये सभी गांव एक टापू बन कर रह गया है. हालांकि स्थानीय लोगों ने अपने स्तर से टूटे हुए पुल पर आवागमन हेतु बांस के चचरी पुल का निर्माण कर उसी के सहारे आवागमन करते है.
10 हजार से भी अधिक आबादी वाले इन गांवों के लोगों को प्रखंड मुख्यालय या जिला मुख्यालय जाने के लिए आज भी चचरी पुल पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है. वर्षो बीत जाने के बाद भी आज तक कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं गया है. वित्तीय वर्ष 2003-04 में विधायक मद से इस पुल का निर्माण हुआ था, जो 2008 की बाढ़ में ध्वस्त हो गया. उसके बाद वर्ष 2012-13 में सांसद मद से इसका फिर निर्माण कराया गया. मगर पिछले वर्ष आयी बाढ़ में पुल दोनों तरफ से ध्वस्त हो गया. लोगों की मांग है कि जल्द पुल का निर्माण किया जाये.
क्या कहते हैं पूर्व मुखिया
पूर्व मुखिया नजरुल इस्लाम ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव से पूर्व इस पुल को दुरुस्त नहीं किया गया तो लोग वोट का बहिष्कार करेंगे. क्योंकि चुनाव के समय नेताओं द्वारा वादे किये जाते हैं मगर उसे निभाया नहीं जाता है. सभी नेताओं को इसकी सूचना दी गयी है. मगर कोई देखने तक नहीं आया. ऐसे में अब हमारे पास आंदोलन के सिवा और कोई विकल्प नहीं है. चुनाव में अगर नेताओं को वोट चाहिए तो इस पुल का निर्माण कराना होगा. जो हमारा पुल बनायेगा वहीं वोट पायेगा.