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किशनगंज एएमयू कैंपस के लिए अनुदान देगा केंद्र

किशनगंज: सीमांचलवासियों के लिए अच्छी खबर है कि अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के किशनगंज कैंपस को 136़ 82 करोड़ रुपये का अनुदान देने की सहमति भारत सरकार ने दी है. इसकी जानकारी किशनगंज निवासी व वर्तमान में पटना स्थित बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में जनसंपर्क पदाधिकारी के पद पर कार्यरत मोहम्मद मुदस्सीर आलम को एएमयू प्रशासन […]

किशनगंज: सीमांचलवासियों के लिए अच्छी खबर है कि अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के किशनगंज कैंपस को 136़ 82 करोड़ रुपये का अनुदान देने की सहमति भारत सरकार ने दी है. इसकी जानकारी किशनगंज निवासी व वर्तमान में पटना स्थित बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में जनसंपर्क पदाधिकारी के पद पर कार्यरत मोहम्मद मुदस्सीर आलम को एएमयू प्रशासन से सुचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मिली है.

कोलकाता की कंपनी करेगी चहारदीवारी का निर्माण : आरटीआइ द्वारा मिली जानकारी पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्री मुदस्सीर आलम ने कहा कि 30 दिसंबर 2011 में बिहार सरकार से एएमयू किशनगंज की स्थापना के लिए 22402 एकड़ भूमि मिलने के बावजूद फंड को लेकर लोगों में काफी असमंजस की स्थिति थी जो अब आंशिक तौर पर समाप्त हो गयी.

उन्होंने कहा कि आरटीआइ में यह जानकारी दी गयी है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के संबंधित अधिकारी ने विवि कुलसचिव को दिसंबर के पहले हफ्ते में एक पत्र के जवाब में लिखा है कि भारत सरकार किशनगंज कैंपस को 136. 82 करोड़ रुपये का अनुदान देने को तैयार है. आरटीआइ का हवाला देते हुए श्री मुदस्सीर ने कहा की 136. 82 करोड़ रुपये की राशि किशनगंज कैंपस के भवन निर्माण व कर्मचारियों के वेतन के लिए इस्तेमाल होना है. एएमयू प्रशासन व कोलकाता की एचसीएल कंपनी के बीच चहारदीवारी बनाने के लिए दिसंबर के एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एम ओ यू) पर हस्ताक्षर हुआ है. साथ ही साथ यूनिवर्सिटी इंजीनियर ने वित्त पदाधिकारी को पत्र लिख कर पहली किस्त में 14. 5 लाख की राशि का अनुरोध किया है.

2009 में की गयी थी औपचारिक घोषणा

बिहार में उच्च शिक्षा के लिए पिछली केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं में एएमयू किशनगंज भी शामिल है जिसकी औपचारिक घोषणा 2009 में की गयी थी, लेकिन पहले कैंपस के लिए बिहार सरकार से 250 एकड़ भूमि मिलने में देरी हुई थी और बाद में केंद्र सरकार से आवश्यक अनुदान मिलने में भी काफी विलंब हुआ. इसी संबंध में कई संस्थानों ने राज्य सरकार व केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए कई तरह के आंदोलन किये जिसमें ह्यमेन चेन प्रमुख गैरसरकारी संस्था हैं. इस संबंध में ह्यमेन चेन के अध्यक्ष मोहम्मद असलम ने श्री मुदस्सीर को आरटीआइ से जानकारी प्राप्त करने पर उनकी सराहना की. श्री असलम ने कहा कि भारत सरकार की सहमति मिलना खुशी की बात है. अब यह जिम्मेदारी एएमयू प्रशासन की है कि वह आवश्यक कदम उठाये. हमारी संस्थान को उम्मीद है कि एएमयू प्रशासन किशनगंज कैंपस के लिए अनुदान को प्राप्त करने और भवन निर्माण कार्य को लेकर ज्यादा सक्रिय होगी और इस संबंध में हमलोग विवि कुलपति से भी बात करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर भवन निर्माण का कार्य जल्दी प्रारंभ हो जाता है तो बिहार के सीमांचल क्षेत्र के लोगों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत बड़ी सौगात मिलेगी. फिलहाल एएमयू किशनगंज कैंपस में बीएड और एमबीए की पढ़ाई हो रही है.

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