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126 ग्राम पंचायतों में मात्र 65 पंचायत सेवक कर रहे कार्य

सरकार व विभागीय दावों के बावजूद विकास अपेक्षा से कम किशनगंज : पिछले एक दशक से किशनगंज जिले के 126 ग्राम पंचायत, पंचायत सेवक की कमी से जूझ रहे है. जिले की हालत ऐसी है कि दो से तीन ग्राम पंचायत का कार्य एक पंचायत सेवक के भरोसे चल रहा है. कभी-कभी तो रिपोर्टिंग पहले, […]

सरकार व विभागीय दावों के बावजूद विकास अपेक्षा से कम

किशनगंज : पिछले एक दशक से किशनगंज जिले के 126 ग्राम पंचायत, पंचायत सेवक की कमी से जूझ रहे है. जिले की हालत ऐसी है कि दो से तीन ग्राम पंचायत का कार्य एक पंचायत सेवक के भरोसे चल रहा है. कभी-कभी तो रिपोर्टिंग पहले, कार्य बाद में धरातल पर किया जाता है. नतीजतन पंचायत सेवक समय के अभाव में झोले में ही पंचायत के कागजात साथ लेकर चलने को मजबूर है. जिले में 126 पंचायत में महज 65 पंचायत सेवक कार्यरत है. जिससे कई महत्वपूर्ण कार्य से आम जनता को वंचित होना पड़ रहा है.
मालूम हो कि हर गांव को सड़क व हर व्यक्ति तक सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने का डंका बजता जरूर है. सरकार व विभाग के लाख दावों के बावजूद विकास अपेक्षा से कम और काम चलाऊ हो रहा है. इसका एकमात्र कारण किशनगंज जिले में कार्यरत पंचायत स्तर के कर्मियों की कमी होना है. सरकार की दर्जनों योजनाएं ससमय व सही तरीके से धरातल पर नहीं उतर पा रही है. ऐसा नहीं कि केवल पंचायत सेवक की कमी ही एकमात्र सरकारी समस्या है.
कई और विभाग है जहां वर्षों से कर्मी व अन्य कर्मचारियों की कमी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. विभागीय पदाधिकारी बताते है कि पंचायत सेवक की कमी के बावजूद कार्यों का समय पर निबटारा होता है. कार्यों को आम जन व विभाग को समय पर देने की कोशिश रहती है. पंचायत सेवक की कमी का मसला सरकार व विभाग ही दूर कर सकता है.
समय पर नहीं खुलता पंचायत भवन
जिले के अधिकांश पंचायत भवन खुलने का समय निर्धारित नहीं है और है भी तो इसका पालन होता नहीं दिख रहा है. गांव के मुख्यालय के रूप में पंचायत भवन को लोग मान्यता देते आये है. लेकिन गांव के लोगों का मुख्यालय बंद रहना विकास में बाधा व जनता से संपर्क टूटने जैसा बन गया है.
ग्राम सभा प्रभावित
पंचायत सेवक की कमी का सबसे बड़ा खामियाजा यह है कि पंचायत के विकास के लिये ग्राम सभा वर्ष में चार बार होना होता है. जिसमें पंचायत के विकास के लिये योजनाओं का चयन किया जाता है. जो सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. कागजों पर ग्राम सभा का आयोजन होता है.
जन्म-मृत्यु पंजीकरण में परेशानी
पंचायत भवन अनियमित खुलने से पंचायत के लोगों को जन्म-मृत्यु पंजीकरण कराने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है.जबकि मार्च 2017 से जन्म-मृत्यु ऑनलाइन पंजीकरण किया जाता है. गांव में साक्षरता की कमी के कारण शत प्रतिशत जन्म-मृत्यु पंजीकरण नहीं हो पाता है.
जिले में पंचायत सचिव की स्थिति
प्रखंड पंचायतों की संख्या कार्यरत पं सेवक
किशनगंज 10 05
कोचाधामन 24 11
बहादुरगंज 20 11
दिघलबैंक 16 07
टेढ़ागाछ 12 06
ठाकुरगंज 22 12
पोठिया 22 11
कुल 126 63
ग्राम पंचायत की देश में अहम भूमिका
मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष व बेलवा पंचायत के मुखिया फकरे आलम ने बताया कि ग्राम पंचायत की देश में अहम भूमिका है. इसके द्वारा ही गांवों का विकास पंचायत पर टिका है. लेकिन पंचायत सचिव की कमी से वृद्धा पेंशन, जन्म-मृत्यु आदि कई बुनियादी कार्य प्रभावित होता है.

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