प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के कार्यान्वयन का है यह हाल
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बहादुरगंज नप क्षेत्र में 830 आवंटन मकान निर्माण कार्य अब तक अधूरा
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के कार्यान्वयन का है यह हाल बहादुरगंज : प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत आवासविहीन गरीबों को पक्का आशियाना उपलब्ध करवाने का प्रयास नप क्षेत्र में दम तोड़ रहा है़ व्यवस्था का हाल यह है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए यहां आवंटित कुल 830 में से आज तक एक भी […]
बहादुरगंज : प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत आवासविहीन गरीबों को पक्का आशियाना उपलब्ध करवाने का प्रयास नप क्षेत्र में दम तोड़ रहा है़ व्यवस्था का हाल यह है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए यहां आवंटित कुल 830 में से आज तक एक भी आवास कार्य पूर्ण नहीं किये जा सके है़ योजना की राशि के इंतजार में न जाने कितने वैसे गरीब परिवार किसी तंबू में अपने पुराने आशियाने के नीचे गुजर बसर कर रहे है़ जिनके नाम आवास संबंधित लाभुकों की सूची में दर्ज है़ लेकिन अब तक योजना से संबंधित पहले किस्त की राशि से भी कई लाभुक वंचित है़ं
हालांकि सैकड़ों लाभुकों को कहीं योजना की पहली किस्त 50 हजार तो कइयों को दूसरी किस्त में एक लाख की राशि मिली है़ लेकिन संपूर्ण राशि अब तक न मिल पाने से अगली किस्त के इंतजार में लाभुक घर का निर्माण नहीं करा पाये है. नगर जदयू अध्यक्ष बंटी सिन्हा ने व्यवस्था पर घोर आश्चर्य प्रकट करते हुए बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए शहरी आवास योजना में यहां के लिए आवंटित कुल 830 में से तकरीबन डेढ़ से दो सौ लाभुकों को योजना की पहली किस्त भी उपलब्ध नहीं हो सकी है़
कमोबेश यही हाल पहली व दूसरी किस्त हासिल कर चुके लाभुकों की है़ ऐसे लाभुक कार्य योजना को पूरा किये जाने की उम्मीद के साथ महीनों से नप कार्यालय या फिर संबंधित नगर पार्षद के घर की खाक छान रहे है. मामले के बाबत नप के पूर्व अध्यक्ष सह वर्तमान पार्षद मुजतबा अनवर राही ने बताया कि मामला चाहे आवास योजना का हो या फिर स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण कार्य का, कार्य योजना में राशि की कोई कमी नहीं है.
कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
मामले के बाबत पूछे जाने पर नप के कार्यपालक पदाधिकारी ललित झा ने बताया कि संबंधित लाभुकों द्वारा कार्य प्रगति रिपोर्ट के आधार पर अगली किस्त की राशि उपलब्ध करवायी जायेगी. रही बात कई लाभुकों को पहली किस्त की राशि से वंचित होने की तो तकनीकी खामियों की वजह से उन्हें राशि नहीं दी जा सकी है.
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