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नप के खिलाफ पहुंचा लोक शिकायत निवारण केंद्र, मिला न्याय

किशनगंज : पांच महीने विभाग के चक्कर लगाने के बाद थकहार कर जब लोक शिकायत निवारण केंद्र में फरियाद पहुंचा तो दो महीने में सुनवाई भी हुई और आवास योजना के दूसरे क़िस्त की राशि भी फरियादी को मिल गयी.अभी भी कई जनकल्याणकारी योजना में विभाग द्वारा शिथिलता बरतने की शिकायत मिल रही है. मामला […]

किशनगंज : पांच महीने विभाग के चक्कर लगाने के बाद थकहार कर जब लोक शिकायत निवारण केंद्र में फरियाद पहुंचा तो दो महीने में सुनवाई भी हुई और आवास योजना के दूसरे क़िस्त की राशि भी फरियादी को मिल गयी.अभी भी कई जनकल्याणकारी योजना में विभाग द्वारा शिथिलता बरतने की शिकायत मिल रही है.

मामला नगर परिषद किशनगंज के द्वारा आईएचएसडीपी आवास योजना के तहत वार्ड नंबर 15 चपरासी टोला लाइन मस्जिद मुहल्ला निवासी मो नासिर आलम के पत्नी रेहाना खातून को आवास मिला एवं प्रथम किश्त के रूप में 64 हजार रुपए बैंक खाते में दिया भी गया. इसके बाद दूसरे किश्त के लिये नप कार्यालय के करीब पांच महीने चक्कर लगाते रहे. बाबुओं से लेकर योजना से जुड़े लोगों को भी दूसरे किश्त के लिये निवेदन करते रहे लेकिन मो नासिर को दूसरी किश्त की राशि नहीं मिल सकी.

16 अगस्त को मो नासिर ने अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय में आईएचएसडीपी आवास योजना के दूसरे किश्त नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराया. उसके बाद अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी चंद्रशेखर आजाद ने सुनाई करते हुए नप कार्यपालक अधिकारी को परिवादी को त्वरित कार्रवाई करते हुए दूसरे किश्त की राशि देने का आदेश निर्गत किया. उसके बाद नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी ने रेहाना खातून पति मो नासिर आलम के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से 01 लाख 06 हजार रुपए बतौर दूसरा किश्त जारी किया. बताते चलें कि लोक शिकायत निवारण अधिनियम लागू होने के बाद जिले में सैकड़ों आम लोगों को इस अधिकार का लाभ मिल रहा है. विभाग व सिस्टम में उलझे लोगों के लिये वरदान साबित हो रहा है.

क्या है लोक शिकायत अधिनियम : सीएम नीतीश कुमार ने मई 2016 में आम लोगो की समस्याओं के समय पर निदान के लिये कानून बनाकर लागू किया. इस अधिनियम के तहत किसी भी बिजली विभाग, राजस्व, आपूर्ति, जनकल्याण, ग्रामीण विभाग, मनरेगा योजना, लंबित वेतन आदि दर्जनों योजना के शिकायत का निवारण समय सीमा के भीतर होने का प्रावधान है.

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