किशनगंज : जिले के ठाकुरगंज में दो गुटों में झड़प के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव के साथ-साथ लोगों में भय बना है. कोई भी व्यक्ति इस मुद्दे पर अपना मुंह नहीं खोलना चाहता है. नप क्षेत्र ठाकुरगंज और इसके साथ आस-पास के गांवों में दहशत व्याप्त है. हमेशा गुलजार रहने वाला ठाकुरगंज बाजार में सन्नाटा पसरा है.
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ठाकुरगंज नप क्षेत्र व आस-पास के गांवों में दहशत व्याप्त
किशनगंज : जिले के ठाकुरगंज में दो गुटों में झड़प के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव के साथ-साथ लोगों में भय बना है. कोई भी व्यक्ति इस मुद्दे पर अपना मुंह नहीं खोलना चाहता है. नप क्षेत्र ठाकुरगंज और इसके साथ आस-पास के गांवों में दहशत व्याप्त है. हमेशा गुलजार रहने वाला ठाकुरगंज बाजार में […]
मालूम हो कि रविवार को दो गुटों में आपसी विवाद के बाद हुए हंगामे के बाद खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे नगर के एक वर्ग के लोगो ने अपनी-अपनी दुकानें बंद रखी. अपनी सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने और भविष्य में ऐसा घटना क्रम न हो, इसको लेकर चिंतित व्यापारी वर्ग के दुकान बंदी के बाद ठाकुरगंज में सन्नाटा पसरा रहा. वही इस मामले में प्रशासन द्वारा कई बार माइक के द्वारा एनाउंस कर के बाजार खुलवाने का प्रयास किया गया, लेकिन व्यापारियों की चिंपरेशानी. जिले में सोमवार को औसतन 57.69 मिली मीटर हुई बारिश, अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन
रविवार से लगातार हो रही बारिश से सोमवार को जहां पूरा शहर जलमग्न हो गया वहीं शहरवासी 1995 में आयी तबाही को याद कर दोबारा भयभीत होने लगे.
बांका : लगातार मूसलाधार बारिश की वजह से सोमवार को घर-घर पानी-पानी हो गया. करीब सात घंटे हुई बारिश से कमोबेश सभी मोहल्ले में बाढ़ जैसी स्थिति बनी रही. दो घंटे निरंतर बारिश से घर में कमर भर पानी जमा हो गया. निकासी की सुदृढ़ व्यवस्था नहीं होने की वजह से घरवालों को कड़ी मेहनत करनी पड़ी. इस दरम्यान घर में रखे चारपाई, पलंग, बिछावन, किताब व कीमती सामान पानी का भेंट चढ़ा गया. नाली भी पूरी तरह जलमग्न हो गया था. जबकि सड़क पर भी पानी भर गया था.
नतीजतन, पूरे शहर में कई घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा. जानकारी के मुताबिक खास नुकसान बाबूटोला के वार्ड नंबर सात, छह व विजयनगर, कचहरी कैंपस, पुरानी बस स्टैंड, आरमएके मैदान सहित अन्य हिस्से में पानी ही पानी नजर आ रहा था. इन मोहल्ले में कमोबेश सभी के घर में पानी घुस गया था. इसके अलावा अलीगंज की भी स्थिति जस की तस देखी गयी. एक तरफ पानी घर के अंदर जमा हो रहा था, तो दूसरी ओर घर की महिलाएं और अन्य सदस्य खुद की जान बचाने के साथ कीमती समान को सुरक्षित रखने में जुटे हुए थे. इस दरम्यान प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की कोई मदद पीड़ित परिवार तक नहीं पहुंची.
वार्ड नंबर छह निवासी संजय झा व अधिवक्ता राजेंद्र झा के घर में कमर से ऊपर तक पानी बहने लगा. घर के सदस्य आनन-फानन में छत पर चढ़ गये. रोहित कश्यप सहित अन्य की मानें तो लाखों का सामान नष्ट हो गया है. जिसमें कई कीमती व उपयोगी किताबें भी थीं. यही स्थिति वार्ड नंबर सात निवासी अशोक सिन्हा व सुनील सिन्हा के घर में भी थी. पानी रूम व रसोइ घर में पहुंच गया. सभी जरूरी सामान पानी में डूब कर बर्बाद हो गया. आनन-फानन में सभी ने बाल्टी व अन्य सामान से पानी को घर से बाहर निकाला. वहीं इस बारिश में जेल कैंपस के पीछे साइड एक दीवार भी ढह गयी. जानकारी के मुताबिक जिले में औसतन बारिश 57.69 मिमी बारिश हुई. जबकि बांका व बाराहाट में रिकार्डतोड़ बारिश 124 एमएम के उपर मापी गयी.
ता के आगे प्रशासन का प्रयास विफल साबित हुआ और दुकानें नहीं खुली.
बढ़ायी गयी पुलिस गश्त. ठाकुरगंज में झड़प के बाद से स्थिति को पटरी पर लाने के लिए एसएसबी व तीन थानों की पुलिस लगी है और क्षेत्र में लगातार मार्च कर रही है. हर चौक-चौराहे व धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी. वहीं कई संवेदनशील स्थानों पर एसएसबी गश्त लगा रहे है. एसडीओ मो शफीक और एसडीपीओ कामिनी बाला के नेतृत्व में शहर में फ्लैग मार्च निकाला गया. इस मौके पर टाउन डीएसपी पन्ना लाल सिंह भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौजूद थे.
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