किशनगंज : नौ महीने से एक घर के कमरे में कैद महिला किसी तरह वहां से भाग कर अपने घर पहुंची़ शारीरिक रूप से कमजोर पीड़ता को परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया तथा पुलिस को घटना की जानकारी दी़ खगड़ा कालू चौक निवासी स्व मो सिद्दकी की पुत्री व पीड़िता सलमा बीबी ने बताया कि अक्टूबर माह 2016 को पटुआ बनबाड़ी जुलजुली निवासी जवाउद्दीन का पुत्र संजीर ने मेरे साथ कोर्ट मैरिज कर मुझे अपने घर ले गया था़ वहां जाने के बाद मुझे यह पता चला कि वह पहले से शादीशुदा है और चार बच्चों का पिता है़ं पीड़िता ने बताया कि संजीर के साथ उसके घर जाने के बाद वहां मेरे साथ सभी लोग जानवरों जैसा व्यवहार करने लगे तथा मुझे एक कमरे में बंद कर दिया और मुझे उस कमरे से निकलने नहीं देता था.
मुझे उस कमरे में ताला बंद कर रखा जाता था एवं उसी कमरे में ही भोजन व शौच करना पड़ता था़ उस कमरे का ताला सिर्फ भोजन देने के लिए खोला जाता था और उसके बाद हर वक्त बंद रखा जाता था़ इस तरह रहते रहते मेरी शारीरिक व मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी़ मैंने संजीर व उसके परिजनों से कई बार गुहार लगायी कि मुझे जाने दो मैं किसी को कुछ नहीं बताउंगी़ परंतु इन लोगों ने मुझे नहीं छोड़ा़ वहीं करीब नौ माह बाद गुरुवार की देर रात संजीर के भगना का तबीयत काफी खराब हो गया जिसके बाद उसे इलाज के लिए संजीर व उसके परिजन एमजीएम ले जाने लगे और गलती से मेरे कमरे का ताला खुला छोड़ दिया़ घर में बांकी लोगों के सोने के बाद मैं किसी तरह घर के पीछे के रास्ते से बाहर निकली और अंधेरे में खेत के बीचोंबीच भागने लगी़ भागते भागते जब मैं रोड पर पहुंची एक टेंपू में बैठ गयी और उससे कहा तुम मुझे मेरे घर कालू चौक मेला मार्ट के पास छोड़ दो मैं तुम्हें अपने घर वालों से भाड़ा दिला दूंगी़ जिसके बाद मैं अपने घर पहुंची और मेरे घर वालों ने मुझे इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया़ वहीं सदर अस्पताल में पीड़िता को भर्ती कर बेहतर इलाज किया जा रहा है और टाउन थाना पुलिस को मामले की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल पहुंच कर पीड़िता से पूछताछ कर रही है़