खगड़िया : जिले के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के मामले में परिवहन विभाग उदासीनता बरत रहा है. स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आदेश के पांच वर्ष बाद भी अनुमान लगाया जा रहा है की अबतक मात्र 500 वाहनों में ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगायी जा सकी है. जबकि जिले में करीब 50 हजार वाहन निबंधित हैं. वैसे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए करीब पांच हजार वाहन मालिकों ने चालान जमा कर रखा है.
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हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट लगाने में पिछड़ा खगड़िया
खगड़िया : जिले के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के मामले में परिवहन विभाग उदासीनता बरत रहा है. स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आदेश के पांच वर्ष बाद भी अनुमान लगाया जा रहा है की अबतक मात्र 500 वाहनों में ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगायी जा सकी […]
यह हाल तब है जब जिले में औसतन प्रतिमाह 700 से लेकर 800 वाहनों का निबंधन होता है. इनमें से बड़ी मुश्किल से दो-चार वाहनों को ही हाई सिक्यारिटी नंबर प्लेट उपलब्ध हो पा रहा है.
क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट : हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अत्याधुनिक तकनीक है जिसका निर्माण इंफोटेक कंपनी ने किया है.इस नंबर प्लेट पर आइएनडी स्टीकर लगा होता है जिसपर वारकोड होता है. उस पर लिखे नंबर से वाहन स्वामी का पूरा विवरण परिवहन विभाग की वेबसाइट पर आसानी से देखा जा सकता है. इससे वाहन चोरी की संभावना काफी कम हो जाती है. नंबर प्लेट को वाहनों पर पंच कर फिक्सड कर दिया जाता है. वाहन चोरी होने की स्थिति नंबर प्लेट का लॉक स्वत: टूट जाता है.ऐसे लगाए गए फर्जी नम्बर प्लेट को आसानी से पकड़ा जा सकता है.
आदेश की उड़ रहीं धज्जियां :
न्यायालय ने 13 दिसम्बर 2012 को आदेश पारित किया था कि यदि वाहन विक्रेता बगैर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट के वाहनों की डिलीवरी देता है तो उसपर कार्रवाई की जाए. सर्वोच्च न्यायालय ने अपने सात फरवरी 2012 के उस आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि यदि ऐसा पाया जाता है तो संबंधित विक्रेता के विरुद्ध परिवहन विभाग कार्रवाई करें तथा उसके निबंधन को रद कर दें.
काफी सस्ता है चालान
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए दोपहिया वाहन से 131 रुपये व चारपहिया वाहनों से 335 रुपये का चालान जमा लिया जाता है. इसके लिए जिला परिवहन कार्यालय में एक कर्मचारी की नियुक्ति की गई है जहां आसानी से राशि जमा कराई जा सकती है. वैसे डीलर प्वाइंट पर भी इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध है और वाहन खरीदते समय वाहन मालिक से राशि जमा ले ली जाती है, लेकिन नंबर प्लेट उपलब्ध नहीं कराई जा रही है.
कहते हैं अधिकारी
जिला परिवहन पदाधिकारी अब्दुल रज्जाक ने बताया कि वाहन विक्रेताओं को बगैर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के वाहनों की डिलीवरी देने पर रोक के आदेश निर्गत किए गए हैं. बावजूद अगर ऐसा हो रहा है तो जांचोपरांत आरोप सही पाए जाने पर उनका निबंधन रद करने की कार्रवाई की जाएगी. पिछले कुछ वर्षों से अलग-अलग कारणों से नम्बर प्लेट लगाने का काम बाधित था. अब इसे गंभीरता से पूरा कराया जायेगा.
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