बेलदौर : प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय चौढ़ली के परिसर में शनिवार को आयोजित मासिक शिवचर्चा में कथावाचक ने भगवान शिव की महिमा का बखान कर शिव को ही अपना गुरू बनाने की बात कही, इन्होंने बताया कि मानव जीवन को सफल बनाने के लिए सबसे पहले गुरु की जरूरत है. जिन्हें सही गुरु मिल जाता है, उसका जीवन सफल हो जाता है. गुरु ही अपने शिष्यों को इश्वर की शक्तियों से परिचित करवाते हैं.
वक्ताओं में सर्वप्रमुख बिमलेष शंभु, संजय आदि का नाम शामिल है. शिव चर्चा के तहत वक्ता विमलेश एवं शंभु एवं संजय ने शिव के देवता के रूप में साधु संतों के द्वारा चर्चा किये जाने की बात बताई .वहीं शिव को गुरु स्वरूप की चर्चा किसी के द्वारा अब तक नहीं किये जाने के कारण अपनी नाराजगी भी जाहिर किया .इस तरह की चर्चा आज तक नहीं किये जाने के कारण ही आम जनमानस आज भी शिव के इस स्वरूप से पूर्ण रुपेण परिचित नहीं हो पाए हैं .जबकि शिव को गुरु अधिपति, आदि गुरु एवं जगतगुरु भी कहा जाता है .लेकिन शिव के गुरु के इस स्वरूप की किसी ने चर्चा नहीं किया .
पहली बार चर्चा 1982 में मधेपुरा जिला के सिंहेश्वर में श्री हरिन्द्रानंद साहब ने किया एवं वें शिव को गुरु बनाने के लिए शिव भक्तों को तीन सूत्रों का मंत्र दिया . जिसे शत प्रतिशत अपना कर किसी भी धर्म संप्रदाय अथवा जाति के लोग शिव को अपना गुरु बना सकते हैं .मासिक शिव चर्चा में कीर्त्तन मंडली के ब्रह्मदेव एवं सिकंदर ने शिव चर्चा पर आधारित आधुनिक धुनों पर आधारित शिव भजन गाकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया .मंच का संचालन शक्तिनाथ ने किया जबकि इसे सफल बनाने में छत्रपति, पप्पु, महेश्वर आदि शिव शिष्य का अहम योगदान रहा .