खगड़िया : मध्यम वर्ग के लोगों को चावल के साथ दाल का स्वाद लेना मुश्किल हो गया है. मध्यम परिवार के लोग दाल की कीमत सुन दुकान से बिना दाल लिए ही वापस लौट रहे हैं.
चावल के साथ दाल खाने वाले लोग आज चावल के साथ सब्जी से ही काम चला रहे हैं. दो महीने से दाल की कीमत में आयी तेजी से दाल आम लोगों की पहुंच से बाहर हो गया है.
कितना होना था प्रति हेक्टेयर दलहन: किसान नागमणि वर्मा, राजीव कुमार, राज कुमार ने बताया कि जिले में लगभग चार से पांच हजार हेक्टेयर में दलहन की खेती होनी थी. पर किसान मात्र दो हजार हेक्टेयर में दलहन की खेती कर पाये. इस पर भी बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने जम कर कहर बरसाया.
इस कारण दलहन की उपज में काफी गिरावट आयी. किसानों को प्रति हेक्टेयर आठ क्विंटल की उपज की जगह मात्र दो क्विंटल से ही संतोष करना पड़ा.
कहते हैं व्यापारी : शहर के व्यापारी मंटून साह, प्रभु साह, अरुण सिंह ने बताया कि दो महीने से दाल की आसमान छूती कीमत के कारण दाल के कारोबार पर खासा असर पड़ा है.
दो महीने पहले रोजाना दो से तीन क्विंटल तक दाल का कारोबार होता था. विधानसभा चुनाव की घोषणा के पूर्व से ही दाल की बिक्री काफी प्रभावित हुई है. क्विंटल लेने वाले खुदरा विक्रेता आज 20-25 किलो से ज्यादा की मांग नहीं करते.