खगड़िया : रेलवे स्टेशन को भले ही मॉडल स्टेशन का दर्जा मिल गया हो, लेकिन यहां सुविधाओं का घोर अभाव बना हुआ है. स्थिति यह है कि पीने के पानी समेत शौचालय के लिए यात्रियों को भटकने की मजबूरी बनी हुई है.
बता दें कि खगड़िया रेलवे स्टेशन को वर्ष 1997 में तत्कालीन रेल मंत्री राम विलास पासवान द्वारा मॉडल स्टेशन का दर्जा दिया गया था. यहां अवैध वेंडरों की भरमार है. बीते कई वर्षो से समय सारणी डिस्प्ले बोर्ड भी गायब है. प्लेटफॉर्म संख्या एवं एवं दो पर डस्टबीन नहीं रहने के कारण गंदगी प्लेटफॉर्म पर ही फेंकी मिलती है. प्लेटफॉर्म पर बिकने वाली सामग्री की गुणवत्ता भी संदेह के घेरे में है.
पूछताछ काउंटर पर स्थायी रेलकर्मी नहीं रहने के कारण रेल यात्रियों को काफी कठिनाई होती है. इन सभी असुविधा पर गौर किया जाये तो मॉडल स्टेशन का दर्जा सिर्फ कागजी प्रतीत होता है.
हजारों लोग प्रतिदिन करते हैं यात्र
खगड़िया रेलवे स्टेशन होकर दो दर्जन से अधिक गाड़ियों की रोज आवाजाही होती है. साथ ही यहां से रोज यात्र करने वाले हजारों यात्रियों को समस्याओं से जूझने की मजबूरी बरकरार है. स्थानीय जंकशन से प्रतिदिन सिर्फ रेल टिकट एवं आरक्षण के माध्यम से 5 से 6 लाख रुपये का राजस्व रेलवे को प्राप्त होता है.फिर भी सुविधा के नाम काफी पीछे है. जंकशन पर छह डिसप्ले बोर्ड में एक भी उपलब्ध नहीं है. यात्रियों को शुद्ध पेयजल की सुविधा सिर्फ प्लेटफॉर्म संख्या एक पर ही मिलती है. वहीं प्लेटफॉर्म संख्या दो के यात्री को एक नंबर पर आकर ही पेयजल नसीब हो पाता है. स्थानीय जंकशन में शुद्ध भोजन नहीं मिलने के कारण रेल यात्री को शहर के होटलों का सहारा लेते हैं. प्लेटफॉर्म संख्या एक एवं दो पर शौचालय अर्धनिर्मित है. रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक एवं राजकीय रेल थानाध्यक्ष पुलिस बल की कमी का रोना रोते हैं.
सुरक्षा बल के प्रभारी निरीक्षक प्रेम शंकर शर्मा ने बताया कि सुरक्षा बल की संख्या 20 है. तीन पदाधिकारियों से रेलवे सुरक्षा का कार्य लिया जा रहा है. इधर रेल थानाध्यक्ष शरत कुमार ने बताया कि रेल राजकीय पुलिस जवानों की संख्या 24 है. इसके अलावा सात पुलिस पदाधिकारी से सुरक्षा का कार्य लिया जा रहा है.
कहते हैं स्टेशन अधीक्षक
स्टेशन अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि खगड़िया रेलवे स्टेशन को मॉडल स्टेशन का दर्जा प्राप्त है. स्थानीय जंकशन में रेल यात्रियों के विभिन्न तरह की सुविधा उपलब्ध कराये जाने को लेकर रेलवे के वरीय अधिकारी को कई बार पत्रचार किया जा चुका है.