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धरातल पर नहीं उतर सकी तत्काल सेवा, बिचौलिया रहते हैं हावी

खगड़िया: राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम धरातल पर नहीं उतर सका. तत्काल सेवा के तहत बनने वाले जाति, आय व आवासीय प्रमाणपत्रों की बात अगर करें, तो शत-प्रतिशत लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. कई आरटीपीएस में बिचौलिया तत्काल सेवा पर भारी पड़ रहे हैं. योजना है कि […]

खगड़िया: राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम धरातल पर नहीं उतर सका. तत्काल सेवा के तहत बनने वाले जाति, आय व आवासीय प्रमाणपत्रों की बात अगर करें, तो शत-प्रतिशत लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. कई आरटीपीएस में बिचौलिया तत्काल सेवा पर भारी पड़ रहे हैं.

योजना है कि अधिक से अधिक लोगों को तत्काल सेवा का लाभ मिले. हालांकि, इस सेवा को लेकर जिले के वरीय अधिकारी गंभीर हैं, पर कई आरटीपीएस में बिचौलियों के हावी रहने से सरकार की इस योजना पर प्रश्नचिह्न् लग चुका है. सदर एसडीओ सुनील द्वारा पिछले महीने अंचल कार्यालय खगड़िया में छापेमारी करने के दौरान एक बिचौलिये की पहचान हुई थी.

दो दिनों में मिलता है प्रमाण पत्र
आम लोगों की सुविधा देने एवं बिचौलियों से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से तत्काल सेवा की शुरूआत की गयी. पर, इस सेवा के शुरू होते ही बिचौलियों की चांदी कटने लगी. आवेदकों को तत्काल सेवा के तहत जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र के आवेदन पत्र पर पहले राजस्व कर्मचारी या पंचायत सेवक से अनुशंसा करानी पड़ती है. अगर आवेदक राजस्व कर्मचारी या पंचायत सेवक से अनुशंसा नहीं कराते हैं, तो वह वैकल्पिक कागजात संलग्न कर जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र का आवेदन जमा कर सकते हैं. पर, कई बार इस तरह की शिकायत सामने आ चुकी है कि आरटीपीएस काउंटर पर वैकल्पिक कागजात के साथ आवेदन स्वीकार नहीं किये जाते हैं. इसके कारण आवेदकों की परेशानी बढ़ जाती है और उन्हें राजस्व कर्मचारी या पंचायत सेवक से आवेदन पर अनुशंसा करानी पड़ती है. राजस्व कर्मचारी या पंचायत सेवक के यहां चक्कर लगाते-लगाते जब आवेदक परेशान हो जाते हैं तो वे बिचौलियों की शरण में जाते हैं और प्रमाण पत्र शीघ्र बन जाता है.
क्या है तत्काल सेवा एवं सामान्य सेवा
सामान्य सेवा एवं तत्काल सेवा के तहत जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है. तत्काल सेवा के तहत जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र दो कार्य दिवस में निर्गत करने का प्रावधान है. जबकि, सामान्य सेवा के तहत 10 कार्य दिवस में प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है. तत्काल सेवा से ओबीसी को मुक्त रखा गया है. सामान्य सेवा के तहत 10 कार्य दिवस में ओबीसी निर्गत किया जाता है. सामान्य सेवा के तहत जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र के आवेदनों पर आवेदकों को राजस्व कर्मचारी या पंचायत से अनुशंसा कराने की जरूरत नहीं पड़ती है. आवेदन जमा होने के बाद कार्यालय द्वारा संबंधित राजस्व कर्मचारी के पास अनुशंसा के लिए आवेदन भेजा जाता है. यही कारण है कि अधिकतर लोग राजस्व कर्मचारी के यहां चक्कर लगाने से परहेज करते हैं और वे सामान्य सेवा के तहत ही जाति, आय, आवासीय प्रमाण पत्र बनवाना पसंद करते हैं. तत्काल सेवा के तहत जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र सिर्फ अंचल स्तर पर ही बनता है. फिलहाल अनुमंडल स्तर या फिर जिला स्तर पर यह सेवा निर्गत करने का प्रावधान नहीं है.

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