चौथम. प्रखंड के 70 फीसदी किसानों को धान का समर्थन नहीं मिल सका है. धान अधिप्राप्ति के समर्थन मूल्य के लालच में फंसे किसान भुगतान की समस्या को लेकर कर पछतावा महसूस कर रहे हैं. किसानों को उम्मीद थी कि समर्थन मूल्य का भुगतान शीघ्र हो जायेगा. लेकिन किसानों को लेनी के देनी पड़ रही है. किसानों को खेती के लिए कर्ज पर उठाये महाजनों के पैसे की तकादा सुनने को पड़ रहे हैं. दूसरी ओर महाजनों के महंगी सूद की मार झेलनी पड़ रही है. भुगतान के लफरे में फंसे किसान कार्यालय का चक्कर लगाते थक हार चुके हैं. लेकिन उनलोगों को समर्थन मूल्य का भुगतान नहीं हो रहा है. धान अधिप्राप्ति केंद्र के आंकड़े बताते हैं कि निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 61 फीसदी धान की खरीदारी हुई है. प्रखंड के विभिन्न पैक्सों एवं व्यापार मंडल को जिला प्रशासन से 27 हजार क्विंटल खरीदारी का लक्ष्य दिया गया था. लक्ष्य के विरुद्ध 18 हजार 661 क्विंटल की खरीदारी हुई. किसानों से सीधे 2763.60 की खरीदारी हुई. किसान व पैक्स से कुल 21 हजार 424 क्विंटल की खरीदारी की गयी. धान अधिप्राप्ति केंद्र में क्रय की गयी धान में 9791.20 क्विंटल चावल मील को भेजा गया. बहरहाल 11633.60 क्विंटल गोदाम एवं खुले आसमान के नीचे पड़ा है.
धान का समर्थन मूल्य किसानों के लिए बना परेशानी का सबब
चौथम. प्रखंड के 70 फीसदी किसानों को धान का समर्थन नहीं मिल सका है. धान अधिप्राप्ति के समर्थन मूल्य के लालच में फंसे किसान भुगतान की समस्या को लेकर कर पछतावा महसूस कर रहे हैं. किसानों को उम्मीद थी कि समर्थन मूल्य का भुगतान शीघ्र हो जायेगा. लेकिन किसानों को लेनी के देनी पड़ रही […]
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