फोटो है.4 व 5 में कैप्सन: संबोधित करते अधिकारी व उपस्थित किसानप्रतिनिधि, खगडि़याकृषि कार्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में लिफ्ट सिंचाई पंपों में डीजल बचत का आसान तरीका अपनाने को लेकर किसानों के बीच एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. पीसीआरए के संयुक्त निदेशक शील प्रियम ने बताया कि किसी भी फसल में सिंचाई के पूर्व बोरिंग के पाइप में बड़ा व्यास रहना आवश्यक है, ताकि बोरिंग के संचालन के बाद उक्त पाइप से पानी का प्रवाह अधिक रूप से बाहर आ सकें. इससे डीजल की खपत कम होती है. अधिकतर किसान जानकारी के अभाव मे छोटी व्यास वाली पाइप से सिंचाई करते हैं, जिससे पानी का प्रवाह निकलने के साथ-साथ समय व डीजल की अधिक खपत होती है. उन्होंने बताया कि पाइप में तीखे मोड़ तथा अधिक जोड़ रहने के भी पानी का प्रवाह कम होता है. इसी तरह कोई भी वाहन, ट्रैक्टर, जीप, ऑटो बस, मोटर साइकिल जब भी रुके तो उक्त वाहन का इंजन बंद कर देने की बातें कही. उन्होंने बताया कि धुआं छोड़ने वाली ट्रकों में डीजल की खपत अधिक होती है. इसे रोकने के लिए नोजल और ईंधन इंजकशन की जांच करना आवश्यक है. कार्यशाला में कृषि से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारी दी गयी, जिससे किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा हो सकें. कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्र के इंजीनियर मनोज कुमार के अलावा दर्जनों किसान उपस्थित थे.
केवीके में एक दिवसीय कार्यशाला
फोटो है.4 व 5 में कैप्सन: संबोधित करते अधिकारी व उपस्थित किसानप्रतिनिधि, खगडि़याकृषि कार्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में लिफ्ट सिंचाई पंपों में डीजल बचत का आसान तरीका अपनाने को लेकर किसानों के बीच एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. पीसीआरए के संयुक्त निदेशक शील प्रियम ने बताया कि किसी भी फसल में सिंचाई […]
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